रांची। रिम्स हॉस्टल में देर रात पार्टी करने और आपस में मारपीट करने की घटना के बाद रिम्स प्रबंधन ने छात्रों से हॉस्टल खाली करा लिया है। करीब 900 एमबीबीएस छात्रों से हॉस्टल खाली कराया गया है। प्रबंधन ने बुधवार की रात नोटिस जारी किया था। सप्लीमेंट्री परीक्षा देने वाले कुछ छात्रों को परीक्षा तक हॉस्टल में रहने की अनुमति मिली है।
छात्रों से हॉस्टल के रूम की चाबी भी जमा करा ली गई है। प्रबंधन के आदेश के बाद एमबीबीएस के विभिन्न बैच के छात्र निर्णय को लेकर निदेशक का घेराव करने पहुंचे थे। इसके बाद भी प्रबंधन अपने आदेश पर अड़ा रहा। प्रबंधन ने कहा कि छात्रों के सुरक्षा को देखते हुए ही निर्णय लिया गया है। अब छात्रों को माता-पिता के साथ आने को कहा गया है। इसके बाद ही उन्हें हॉस्टल आवंटित किया जायेगा।
रिम्स के पीआरओ डॉ राजीव रंजन ने शुक्रवार को बताया कि रिम्स के हॉस्टल परिसर में लगातार उपद्रव और छात्रों के बीच मारपीट की घटना हो रही है। कुछ अनहोनी न हो इसलिए प्रबंधन ने गहन चिंतन के बाद क्लासेस बंद किये गये हैं और हॉस्टल खाली कराया है। एहतियात के तौर पर ऐसा निर्णय लिया गया है।
रिम्स जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी प्रबंधन के फैसले का समर्थन किया है। जेडीए के प्रेसिडेंट डॉ जयदीप चौधरी ने बताया कि दो बैचों 2021 और 2022 में झड़प हुई थी। झगड़े में दो सीनियर बैच 2019 और 2020 भी आ गये। इसी में और मामला बढ़ा, जिसके बाद कुछ छात्र उग्र होकर निदेशक आवास में भी घुस गये थे। सभी को एक-एक कर समझाना मुश्किल होता। ऐसे में कुछ दिन कक्षाएं सस्पेंड रखा जायेगा और हॉस्टल को खाली कराया गया है। प्रबंधन का निर्णय छात्रहित में है। इसलिए प्रबंधन के फैसले का समर्थन किया जा रहा है।
रिम्स प्रबंधन का कहना है कि स्टूडेंट्स लगातार मारपीट और देर रात पार्टी कर रिम्स की छवि को धूमिल कर रहे हैं। इस घटना के बाद कमेटी की आपात बैठक बुलायी गयी थी, जिसमें हॉस्टल खाली कराने पर निर्णय लिया गया है। नये सिरे से हॉस्टल के कमरा का आवंटन किया जायेगा, जिसमें 15-15 दिन की प्रक्रिया पूरी की जायेगी। कमेटी ने यह भी तय किया है कि विद्यार्थी जब दोबारा हॉस्टल में रहने आयेंगे, तो अपना और अपने माता-पिता या अभिभावक का शपथ पत्र साथ लाना होगा। शपथ पत्र में यह स्पष्ट लिखा होना चाहिए कि विद्यार्थी दोबारा मारपीट या किसी तरह की अनुशासनहीनता नहीं करेंगे। यदि उन्हें दोबारा ऐसी घटनाओं में संलिप्त पाया गया, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी।