Joharlive Team

हजारीबाग : बड़कागांव के बीडीओ राकेश कुमार व उनकी पत्नी के द्वारा घर में नाबालिग की पिटाई के मामले में पीडि़ता की जांच के लिए सिविल सर्जन डा. कृष्ण कुमार ने दो मेडिकल टीमों का गठन किया है। इंज्यूरी व उम्र की जांच के लिए अलग – अलग गठित दोनों ही टीमों में चार-चार डाक्टर शामिल हैं। जानकारी के अनुसार दोनों ही मेडिकल बोर्ड ने पीडि़ता की जांच पूरी कर ली है। संभावना है कि टीम द्वारा आज सिविल सर्जन को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। ज्ञात हो कि जिला प्रशासन के निर्देश पर पीडिता की इंज्यूरी व उम्र की जांच के लिए सिविल सर्जन के द्वारा मेडिकल टीम का गठन किया गया है।जानकारी के अनुसार पीडिता की इंज्यूरी के लिए जांच टीम में फिजीशियन डा. मे. पी. के. सिन्हा, गायनेकॉलॉजिस्ट डा. शिवानी यादव, आर्थोपेडिक सर्जन डा. गौतम कुमार व एक अन्य डाक्टर शामिल हैं।

क्या है मामला

बड़कागांव के बीडीओ राकेश कुमार की पत्नी पर घर में काम करने वाली नाबालिग किशोरी पर प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लगे हैं। नाबालिग सदर अस्पताल में भर्ती है। उसके शरीर को कई स्थानों पर गर्म आयरन से दागा गया है, जिसके निशान अब भी उसके शरीर पर बने हुए हैं। छाती पर आयरन से दागा गया है
चेहरे को नोंचा गया है। चेहरे पर चोट के निशान भी हैं। बाल भी जल गए हैं।सामने आने के बाद मंगलवार की शाम चाइल्ड लाइन से इसे सबसे पहले संज्ञान लिया।

इसके बाद पुलिस हरकत में आई और सदर थाना के जमादार कृष्णा रजक ने बयान दर्ज किया है।

परिजनों के मुताबिक घटना सात सितंबर है। बच्ची पर यह जुल्म महज 200 रुपये के लिए किया गया। घटना हजारीबाग बस स्टैंड के सामने बने अफसर कॉलोनी की है। अभी बच्ची की हालत चिताजनक बनी हुई है। वह बोल भी नही पा रही है।

परिजनों के पहले नाबालिग का छिपा कर इलाज कराया गया। बाद में तीन दिन पूर्व बड़कागांव चौक पर लावारिस छोड़ दिया गया। कुछ लोगों ने परिजनों को सूचना दी। वहां से परिजन घर ले गए।

जब हालत बिगड गई तो परिजन सदर अस्पताल लेकर पहुंचे हैं। पिता ने बताया कि बीडीओ ने किसी को न बताने की शर्त पर एक लाख रुपये भी बतौर मदद दिए हैं। हालांकि, बड़कागांव के बीडीओ राकेश कुमार ने सभी आरोपों से इनकार किया है। बताया कि साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। वही सदर थाना प्रभारी नीरज कुमार सिंह ने बताया कि फर्द बयान हुआ है। पुलिस एफआइआर दर्ज करेगी।

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