रांची :  राजधानी के बड़ा तालाब की नारकीय स्थिति को लेकर लोगों में गुस्सा है. बदबू और गंदगी से परेशान लोग एकजुट होने लगे हैं. इसी कड़ी में जनसेवा मंच ने बड़ा तालाब के सामने प्रदर्शन किया और सरकार एवं नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी की. मंच के संस्थापक मुनचुन राय ने कहा कि हम रांची झील को बचाने के लिए नगर निगम और राज्य सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि इसकी स्थिति को जल्द ठीक करें. यह रांची की पहचान है. पुराने झीलों में से है. इसे बचाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किये गये हैं. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है. फिर भी तालाब से बदबू आ रहा है. अगल-बगल रहने वाले लोग परेशान हैं. अब लग रहा है ये मृतप्राय हो गया है. सरकार और नगर निगम जागे. उन्होंने कहा कि हम रांची के लोगों से आग्रह करते है, रांची की पहचान बड़ा तालाब और हरमू नदी को बचाने के लिए हमें आगे आना होगा. हमें एकजुट होना होगा. जनसेवा मंच कोई राजनीतिक मंच नहीं है. जो लोग रांची शहर की धरोहरों को बचाना चाहते हैं वो मंच के साथ जुड़कर मजबूती से हमारी आवाज को बुलंद करें.

 

सौंदर्यीकरण के नाम पर फूंक दिये गये 14.89 करोड़

 

बड़ा तालाब के सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार के नाम पर 14.89 करोड़ रुपये फूंक दिये गये हैं, लेकिन सौंदर्यीकरण तो नहीं हुआ, हां गंदगी और बदबूदार पानी इसकी पहचान जरूर बन गई. पिछले कई दिनों से बड़ा तालाब का पानी काफी बदबू दे रहा है अपर बाजार, हिंदपीढ़ी और आसपास के इलाके के लोगों का जीना मुहाल हो चुका है. करीब डेढ़ किलोमीटर तक बदबू फैल रही है. वहीं तालाब के आसपास से गुजरने वाले लोग वहां से नाक बंद करके गुजर रहे हैं. डेंगू, मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारियों के पनपने का खतरा बना हुआ है. हर बार की तरह इस बार भी नगर निगम की टीम ने पानी का सैंपल लिया है और जांच के लिए भेज दिया है.

 

बदबू और गंदगी से निजात मिलने में अभी और समय लगेगा

 

बड़ा तालाब के मेंटेनेंस का जिम्मा जिस एजेंसी को मिला है वह मेंटेनेंस के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है. कंपनी के पदाधिकारी नीरज ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से बड़ा तालाब से बदबू की शिकायत मिलने के बाद नगर निगम की टीम ने पानी का सैंपल लिया है. यह सैंपल सिंदरी भेजा गया है. 2-3 दिन में वहां से रिपोर्ट आ जाएगी. रिपोर्ट के मुताबिक केमिकल का चयन करके बड़ा तालाब में डाला जाएगा. जब उनसे पूछा गया कि पिछले 15 दिनों से पानी में बदबू की शिकायत मिल रही थी तो निगम की टीम को पानी का सैंपल लेने में 15 दिन कैसे लग गया। इसपर नीरज ने सफाई दी कि वे रांची से बाहर थे इसलिए ध्यान नहीं दे पाये. मतलब सिर्फ एक छोटी सी लापरवाही के कारण राजधानी के 30 हजार से ज्यादा लोगों ने पिछले 15 दिनों में नर्क यातना झेली है. यातना अभी खत्म नहीं हुई. सैंपल की रिपोर्ट तीन दिन के बाद आएगी और उसके बाद केमिकल डाला जाएगा. यानी अभी भी लोगों को राहत मिलने में कम से कम 5 दिन और लगेंगे.

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