झुमरीतिलैया: केंद्र सरकार के द्वारा रेलवे, बिजली सहित सभी सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण तथा बिजली स्मार्ट मीटर लगाए जाने के खिलाफ देशव्यापी सार्वजनिक क्षेत्र बचाओ दिवस के तहत शुक्रवार को कोडरमा रेलवे स्टेशन के दक्षिण गेट पर सीटू और किसान सभा के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया गया. जहां हांथों में प्लेकार्ड लिए कार्यकर्ताओं द्वारा रेलवे का निजीकरण पर रोक लगाओ, बिजली संशोधन कानून वापस लो, बिजली स्मार्ट मीटर लगाना बंद करो, सार्वजनिक क्षेत्र को कॉरपोरेट के हांथों में देना बंद करो, कर्मचारियों का दमन बंद करो, सभी रिक्त पदों पर अविलंब बहाली करो, कॉरपोरेट का दलाल मोदी सरकार मुर्दाबाद आदि सरकार विरोधी नारे लगाए जा रहे थे.

सार्वजनिक उपक्रमों को समाप्त कर रही है भाजपा सरकार

किसान सभा के सह संयोजक परमेश्वर यादव की अध्यक्षता में हुई सभा को संबोधित करते हुए सीटू के राज्य सचिव संजय पासवान ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सार्वजनिक उपक्रमों का बहुत बड़ा योगदान है, लेकिन भाजपानीत मोदी सरकार के द्वारा इसे लगातार खत्म किया जा रहा है. देश की करोड़ों जनता का यात्रा का साधन भारतीय रेलवे को भी टुकड़ों में निजीकरण कर रही है. वंदे भारत जैसे ट्रेनों को चलाकर आम आदमी के पहुंच से रेलवे को दूर किया जा रहा है. सार्वजनिक क्षेत्रों को बचाने के लिए कर्मचारी यूनियन लगातार संघर्ष कर रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार अपने चहेते पूंजीपति मित्रों के लिए निजीकरण के रास्ते देश को गिरवी रखने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है.

कृषि कानून तो वापस ले लिया, लेकिन बिजली कानून वापस नहीं लिया

निजीकरण के लिए सार्वजनिक क्षेत्र और सरकारी विभागों पर हमला जारी है, भर्तियों पर रोक लगी हुई है. आउटसोर्सिंग, ठेकाकरण और कैजुअलाइजेशन बड़े पैमाने पर जारी है, श्रम कानूनों को मालिकों के पक्ष में और श्रमिकों के हितों के खिलाफ लेबर कोड में बदला जा रहा है. इसके साथ ही जीवन और जीविका से ध्यान भटकाने के लिए सत्ता में बैठी ताकत द्वारा समाज में सांप्रदायिक ज़हर फैलाया जा रहा है. झारखंड राज्य किसान सभा के राज्य संयुक्त सचिव असीम सरकार ने कहा कि एक तरफ जनता महंगाई से जुझ रही है, दूसरी तरफ उर्जा क्षेत्र का निजीकरण करने के लिए पहले ही कोरोना काल में काले कृषि कानून के साथ साथ बिजली कानून 2020 संसद से पास करा लिया है. 13 महीने के लंबे किसान आंदोलन के चलते कृषि कानून तो वापस ले लिया, लेकिन बिजली कानून वापस नहीं लिया. बिजली का निजीकरण होने से बिजली मंहगी हो जाएगी और आम आदमी के पहुंच से बाहर हो जाएगी.

बंद होने के कगार पर है एचईसी

किसानों की खेती भी महंगा हो जाएगा. क्योंकि कृषि क्षेत्र में बिजली की महत्वपूर्ण भूमिका है. स्मार्ट मीटर किसानों, छोटे दूकानदारों समेत आमलोगों को अत्याधिक महंगी बिजली खरीदने के लिए मजबूर करेगा. यह मोबाइल रिचार्ज सिस्टम जैसा हो जाएगा यानी जिस समय रिचार्ज खत्म उसी समय अंधेरा हो जाएगा. चन्द्रयान 3 बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली एचईसी बंद होने के कगार पर है, वहां मजदूर कर्मचारी लगातार संघर्षरत है. मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आम नागरिकों को एकजुट होना होगा. सभा को बड़ी संख्या में रेल यात्री और आम नागरिकों ने सुना. मांगों से संबन्धित स्मार पत्र राष्ट्रपति के नाम स्टेशन अधीक्षक को सौंपा गया. प्रदर्शन में दिनेश रविदास, भीखारी तुरी, ग्यासुद्दीन अंसारी, सुनील कुमार गुप्ता, रविन्द्र भारती, सुरेंद्र राम, अमित कुमार, अभ्रोज्योति सरकार, अमित कुमार, मनोज कुमार, तनमय, अशोक रजक सहित दर्जनों लोगों ने भाग लिया.

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