रांची। देश के बड़े-बड़े शहरों में झारखंड के सुदूरवर्ती इलाके से गरीब लड़कियों को बहला फुसला कर बेचा जाता रहा है। मगर, पहली बार देखा गया है कि 3 दिन के एक नवजात को ट्रैफिकिंग कर रांची से मुंबई ले जाया जा रहा था। लेकिन, ऐन वक्त पर सीआईएसएफ के जवानों ने नवजात को ले जा रही महिला को शक के आधार पर पकड़ा और एएचटीयू के हवाले सौंप दिया है।गिरफ्तार महिला का नाम निखत परवीन है। निखत 13 जनवरी को दोपहर एक बजे इंडिगो की फ्लाइट से मुंबई जा रही थी।
इस दौरान उसके गोद में 3 दिन का एक नवजात था। टिकट में बच्चे की जिक्र नहीं होने के कारण सीआईएसएफ जवानों ने गेट पर ही रोक दिया। इसके बाद निखत इंडिगो के काउंटर पर जाकर बच्चे का नाम जुड़वाने का प्रयास करने लगी, तब जाकर मामले का खुलासा हुआ और इंडिगो के स्टाफ ने एयरपोर्ट पुलिस को मामले की जानकारी दी।एयरपोर्ट पुलिस ने दो बजे निखत को पकड़कर एंटी ट्रैफिकिंग सेल के हवाले कर दिया।
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रांची आयी खाली हाथ, गोद में बच्चा लेकर जा रही थी वापस
एयरपोर्ट पुलिस इंचार्ज आनंद प्रकाश ने कहा कि दोपहर के समय इंडिगो स्टॉफ की सूचना पर उन्होंने निखत परवीन को बच्चे के साथ पकड़ा था। इसके बाद एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला होने के कारण ट्रैफिकिंग सेल की प्रभारी दुर्गा गुप्ता को मामला सौंप दिया गया। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले में महिला निखत परवीन को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे जेल भेज दिया गया है। यह मामला एयरपोर्ट स्थित इंडिगो एयरलाइंस के स्टॉफ की सूझबूझ से पकड़ा गया। सीआईएसएफ जवानों द्वारा जब निखत परवीन को प्रवेशद्वार पर ही रोक दिया गया, तब वह बच्चे का नाम टिकट में जुड़वाने के लिए इंडिगो टिकट काउंटर पहुंची। वहां एक्जक्युटिव अंजनी नंदन पांडेय ड्यूटी पर तैनात थे। अंजनी ने जब बच्चे का नाम पूछा, तो निखत नाम बताने में सकपका गयी।
इसके बाद जब अंजनी ने बच्चे का उम्र पूछते हुए बर्थ सर्टिफिकेट मांगा, तो वह कभी 15 दिन तो कभी तीन दिन उम्र बता रही थी। शक होने पर जब अंजनी और इंडिगो मैनेजर रिजवान कादिर ने जांच की तो पता चला कि 11 जनवरी को वह महिला बिना बच्चे के मुंबई से रांची आयी थी। 13 जनवरी को फ्लाइट 6 ई341 से दोपहर दो बजे मुंबई जाने के लिए उसने 12 जनवरी को आनलाइन टिकट बनवाया था, लेकिन उसमें बच्चे की इंट्री नहीं करवायी थी। जिसके बाद शक के आधार पर इंडिगो स्टॉफ ने पकड़ कर पुलिस के हवाले सौंप दिया।