रांची : अखबार के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को मिली धमकी मामले को बेहतर अनुसंधान के लिए राज्य सरकार ने अब इसे सीआइडी को ट्रांसफर कर दिया है. जबकि योगेंद्र तिवारी को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से राज्य के किसी दूसरे जेल में ट्रांसफर करने की अनुशंसा बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा प्रशासन ने रांची के उपायुक्त से की है. बता दें कि रांची के एक हिन्दी दैनिक अखबार के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से योगेंद्र तिवारी के नाम पर लैंड लाइन से फोन कर धमकी दी गयी थी. इस मामले में सदर थाना में 29 दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.
मिली जानकारी के अनुसार बिरसा मुंडा कारा के जेलर ने रविवार की सुबह 9 बजे योगेंद्र तिवारी के सेल में सर्च कराया. इस दौरान तिवारी के सेल से सीलिंग फैन और मच्छरदानी सहित अन्य ऐशो-आराम की चीजें हटवायी गयीं. बताया गया कि इस दौरान योगेंद्र तिवारी के बेड से एक एप्पल फोन व एक की-पैड मोबाइल बरामद किया गया. हालांकि, जेलर ने कहा कि इस तरह की सूचना जेलकर्मियों ने उन्हें नहीं दी है.
बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद पूछताछ में योगेंद्र तिवारी ने संपादकों को फोन कर धमकी देने की बात कबूल की है. इसको देखते हुए प्रभारी जेल अधीक्षक सह रांची के एडीएम (नक्सल) रामवृक्ष महतो ने योगेंद्र तिवारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए खेलगांव थाना को रविवार को आवेदन दिया है. आवेदन में कहा है कि जामताड़ा जिले के मिहिजाम रोड निवासी योगेंद्र तिवारी ने अखबार के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को बंदियों के लिए लगाये गये लैंड लाइन से फोन किया था. टेलीफोन में लगे कॉल रिकॉर्डिंग डिवाइस की भी जांच की गयी है. इसमें योगेंद्र तिवारी ने बातचीत के क्रम में प्रधान संपादक से चेतावनी भरे शब्दों के प्रयोग करने के साक्ष्य मिले हैं. इस आधार पर योगेंद्र तिवारी के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाये.