Joharlive Team
रांची। फर्जी गांजा तस्करी में ईसीएल कर्मी को योजना के तहत जेल भेजने मामले में तीन साजिशकर्ता को गिरफ्तार की। सीआईडी की टीम ने यह कार्रवाई की है। गिरफ्तार लोगों में नीरज कुमार तिवारी, रवि कुमार ठाकुर और सुनील कुमार चौधरी शामिल है। सीआईडी की जांच में तीनों की भूमिका मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सामने आई है। हालांकि, इस मामले में अभी तक जांच रिपोर्ट सीआईडी एडीजी को नही सौंपा गया है। इस घटना में शामिल अधिकारियों की भी परेशानी बढ़ सकती है।
- कोयला तस्करी में रुकावट बने थे ईसीएल कर्मी, फंसाने के लिए रची थी साजिश
निर्दोष ईसीएल कर्मी चिरंजीत घोष को फर्जी तरीके से फंसाने मामले में सीआईडी की जांच तेजी से बढ़ रह है। सीआइडी ने अपने जिम्मे पूरे मामले को लिया है। सूत्र बताते है कि जिस कार से गांजा बरामद हुआ था, वो पलामू के एक कबाड़ी कारोबारी की थी। कोयला तस्करी में रुकावट बने चिरंजीत को रास्ते से हटाया जा सके। नीरज तिवारी व रवि ठाकुर ने कार में गांजा रखा था।
- क्या है मामला
धनबाद के निरसा में पुलिस ने एक गाड़ी से 39 किलो गांजा बरामद किया था। इस मामले में धनबाद पुलिस ने ईसीएल कर्मी चिरंजित घोष को गांजा तस्करी का किंगपिन बताते हुए आरोपी बनाया था। धनबाद पुलिस ने इस मामले में चिरंजीत को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था। चिरंजीत के जेल भेजे जाने के बाद उसकी पत्नी ने तत्कालीन डीजीपी केएन चौबे समेत राज्य पुलिस के अन्य अधिकारियों से मुलाकात कर इंसाफ की गुहार लगायी थी। चिरंजीत की पत्नी के मुताबिक, उसके पति को बंगाल पुलिस के एक अधिकारी ने साजिश कर फंसाया था। जिसके बाद मुख्यालय स्तर से मामले की जांच करायी गयी। जांच में यह साबित हुआ था कि चिरंजीत को गलत तरीके से फंसा कर जेल भेजा गया था। पुलिस ने पोल खुलने के बाद कोर्ट में तथ्यों की भूल बताते हुए चिरंजीत को रिहा कराया था।