रांचीः नवरात्र के अवसर पर चुटिया स्थित प्राचीन राम मंदिर में रामायण पाठ का आयोजन हो रहा है. यहां होने वाला रामायण पाठ की अलग विशेषता है. यहां कुंवारी कन्याएं एक लय में रामायण पाठ करती हैं. रामायण पाठ वृंदावन धाम के प्रमोद शास्त्री व सत्यनारायण स्वामी के सान्निध्य में कराया जा रहा है.

धर्म से जुड़े रहने वाले व्यक्ति संस्कारी हो जाते हैं

बुधवार को रामायण पाठ के दौरान पाठ करने वाली कन्याओं को सनातन धर्म एवं संस्कार कथा वाचक प्रमोद शास्त्री व सत्यनारायण स्वामी ने बच्चियों क मां दुर्गा और रामायण के बारे मे जानकारियां दीं. उन्होंने धर्म की विशेषता बतायी. उन्होंने कहा कि धर्म से जुड़े रहने वाले व्यक्ति संस्कारी हो जाते हैं. उन्हें अच्छे-बुरे का ज्ञान हो जाता है, जिसके अनुसार वह अपना व्यवहार करते हैं. स्वामी जी ने कहा कि श्री राम व माता सीता का आचरण अनुकरणीय है.

हैलो, हाय की जगह जयश्री राम व राधे-राधे बोलना चाहिए

इस अवसर पर स्वामी जी ने कहा कि जब मोबाइल का प्रयोग करें तो हैलो, हाय की जगह जयश्री राम व राधे-राधे बोलना चाहिए. रामायण हमें यह सिखाती है कि माता-पिता और बड़ों का आदर करना चाहिए. घर में धार्मिक वातावरण हो तो बच्चों पर उसका अच्छा प्रभाव पड़ता है. इस कार्यक्रम के आयोजन में अध्यक्ष विजय कुमार साहू, सचिव कैलाश केसरी तथा अमित साहू सहित अन्य सहयोग कर रहे हैं.

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