बोकारो: मसी भाजन संयुक्तस्छ चरसित्व महीतले, लेखनी कटनी हसते चित्रगुप्त नमस्तुते. चित्रगुप्त नमस्तुभ्यं लेखका अक्षरदायकम, कायस्थ जाती मासाध्य चित्रगुप्त नमस्तुते! की जय घोष से गूंज उठा तेनुघाट जब कायस्थ परिवार के लोग भगवान चित्रगुप्त की पूजा का आयोजन पूरे धूमधाम से तेनुघाट में किया. मालूम हो कि बुधवार को चित्रगुप्त पूजा के दिन तेनुघाट चित्रांश परिवार के सदस्य भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित कर भगवान की पूजा की. बताया जाता है कि कार्तिक शुक्ल पक्ष के द्वितीय को भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है. ईसी दिन भैया दूज भी मनाया जाता है, बहन अपनी भाई की लंबी उम्र की कामना करने के लिए भैया दूज मानती है. उसके बाद भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बांधती है.
पुजारी बलदेव मिश्रा ने बताया कि भगवान चित्रगुप्त सभी प्राणियों की कर्मों का लेखा जोखा रखते हैं. उनकी उत्पत्ति ब्रह्मा के काया से हुआ था. पूजा करने वालों में चित्रांश परिवार के अजीत कुमार लाल, संजय अम्बष्ठ, सुजीत सिन्हा, रमेंद्र कुमार सिन्हा, रतन कुमार सिन्हा, सुनील कुमार, आनंद श्रीवास्तव, सुजय आनंद, प्रदीप कुमार सिन्हा, संजय कटरियार, सत्येंद्र कुमार सिन्हा, शिव शंकर प्रसाद, कुंदन कुमार, नितेश कुमार, संतोष कटरियार, सुभाष कटरियार, प्रीतीश आनंद, गोलू कुमार, विजय अंबस्ट, लाला त्रिपुरारी लाल, शुभम कटरियार, सत्यम कटरियार, शिवम कटरियार, अक्षय कुमार, कौस्तुभ कृष, अभिनीत नंदन, प्रियांशु कटरियार, अनिकेत नंदन, शंकु कुमार सहित तेनुघाट चित्रांश परिवार के सदस्य गण मौजूद थे.
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