रांची : सीटी बजाओ, स्कूल बुलाओ महाअभियान की शुरुआत 11 जनवरी को राज्यभर के सभी स्कूलों में हुई. जिसके तहत बच्चे अपने घरों से सीटी बजाते हुए निकले और आसपास के बच्चे स्कूल जाने के लिए उनके साथ जुड़ते चले गए. आज इस अभियान का ही परिणाम है कि बच्चे जुड़ रहे है. वहीं स्कूलों में बच्चों की अटेंडेंस पहले की तुलना में बढ़ गई है. सिमडेगा में ही पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस अभियान की शुरुआत हुई थी. आज सिमडेगा में बच्चे कंधे पर स्कूल का बस्ता लिए इस अभियान का प्रचार प्रसार कर रहे थे. वहीं स्कूल के टीचर ने बताया कि सरकार की इस पहल से बच्चे तो जुड़ ही रहे है. वहीं अभिभावक भी अलर्ट है कि बच्चों को स्कूल भेजने का समय हो गया है. बता दें कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य में शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा संचालित अनूठी पहल ‘सीटी बजाओ, उपस्थिति बढ़ाओ’  के व्यापक एवं सकारात्मक परिणाम को देखते हुए 11 जनवरी को सभी जिलों में स्कूल आते हुए बच्चों की सीटी बजाती हुई तस्वीर या वीडियो #SeetiBajao को टैग करते हुए पोस्ट करने का आदेश दिया था.

नोडल पदाधिकारी कर रहे मॉनिटरिंग

सोशल मीडिया महाअभियान की सफलता के लिए हर लेवल पर अधिकारियों की नियुक्ति की गई है. इस कार्यक्रम को प्रयास, एसएमसी, रुआर और पीटीएम से भी जोड़ा जाएगा. सभी जिलों को जारी दिशा निर्देशों में स्पष्ट किया है कि इस सोशल मीडिया महाअभियान की सफलता के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) के अलावा फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और KOO एप पर भी प्रोमोट करें. बता दें कि सीटी बजाओ, उपस्थिति बढ़ाओ अभियान की शुरुआत सिमडेगा जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हुई थी. जिसके बेहतर परिणाम देखने को मिले. इसके बाद पूरे राज्य में इस अभियान को शुरू करने का निर्णय लिया. इससे स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति भी बढ़ी है.

क्या है सीटी बजाओ, स्कूल बुलाओ अभियान?

सीटी बजाओ, स्कूल बुलाओ अभियान सिमडेगा के सीटी बजाओ, उपस्थिति बढ़ाओ अभियान के तर्ज पर ही पूरे राज्य में शुरू किया गया है. इस अभियान के तहत प्रतिदिन प्रातः स्कूल में हाउस के कैप्टन और क्लास मॉनिटर सीटी बजाते हुए अपने गांव, कस्बो, टोलो के बच्चो को स्कूल चलने के लिए प्रेरित करते है. सीटी बजते ही बच्चे स्कूल जाने के लिए तैयार हो जाते है और अपने सहपाठी के साथ स्कूल जाते हैं. इस अभियान से बच्चों के अभिभावक भी जागरूक हो रहे हैं. पहले बच्चों द्वारा गलत जानकारी या स्कूल बंद होने की जानकारी देकर स्कूल नहीं जाने का बहाना बनाया जाता था. अब सीटी बजते ही माता पिता यह समझ जाते हैं कि स्कूल खुला है और उन्हें अपने बच्चों को समय पर तैयार करके स्कूल भेजना है.

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