रांची: राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने गुरुवार को रेडिसन ब्लू, रांची में आयोजित ‘सपनों की उड़ान’ (State Level Workshop on Plan of Action to Eliminate Child Trafficking and Unsafe Migration from Jharkhand) को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चे राष्ट्र के भविष्य हैं और किसी भी परिस्थिति में उनका शोषण, बाल तस्करी एवं असुरक्षित माईग्रेसन को रोका जाना चाहिए. उन्हें खुशी है कि इस दिशा में कतिपय सिविल सोसाइटी एवं संस्था कार्य कर रहे हैं। ‘बाल कल्याण संघ’, ‘द चिल्ड्रेन ऑफ इंडिया फ़ाउंडेशन’ और ‘द एशिया फ़ाउंडेशन’ का कार्य सराहनीय है.

राज्यपाल ने कहा कि डॉ राम दयाल सिंह मुंडा जनजातीय शोध संसस्थान एवं बाल कल्याण संघ के द्वारा संयुक्त रूप से किये गए शोध से ज्ञात हुआ है कि प्राय: 15 से 18 वर्ष आयु के लोग तस्करी के शिकार होते हैं. इसके कई कारण हैं. मुख्य रूप से शिक्षा का आभाव, आर्थिक स्थिति एवं मानसिक रूप से परिपक्व न होना है. इसे दूर करने के लिए सभी को सामूहिक रूप से प्रयास करना होगा.

राज्यपाल ने कहा कि विद्यालय में शिक्षकों को बच्चों को जागरूक करना होगा और साथ ही उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए लगातार प्रोत्साहित भी करना होगा. प्रधानमंत्री द्वारा काफी संख्या में खोले गए एकलव्य विद्यालय से बच्चे शिक्षित एवं जागरूक होकर तस्करी का शिकार होने से बच रहे हैं. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय भी इस दिशा में अपनी भूमिका निभा रहा है. मानव तस्करी को रोकने हेतु मुखिया व अन्य पंचायत प्रतिनिधियों को भी चौकस रहना है कि कोई भी असामाजिक तत्व लोगों को बहला-फुसलाकर एवं दिग्भ्रमित कर उनका तस्करी ना कर सकें. उन्होंने संस्था में अच्छे काम करने वाले प्रतिनिधियों को सम्मानित किया एवं विकसित भारत संकल्प यात्रा रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

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