रांची : झारखंड सहित देशभर में बच्चाें काे आज से काेराेना का सुरक्षा कवच मिलेगा। राज्य के 12 से 14 साल के 15.94 लाख बच्चाें काे बुधवार से टीके लगाए जाएंगे। इनमें सबसे ज्यादा 2.11 लाख बच्चे रांची जिले में और करीब डेढ़ लाख बच्चे धनबाद में हैं। इनके लिए स्कूलाें में ही टीकाकरण केंद्र बनाए जाएंगे, ताकि टीके लेने में परेशानी न हाे। इन्हें काेर्बेवैक्स टीके लगाए जाएंगे। 28 दिन के अंतराल पर इन्हें दाे टीके लगेंगे। इनका रजिस्ट्रेशन 15 से 18 साल के बच्चाें की तरह ही हाेगा। वे काेविन पाेर्टल पर भी रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।
ऑन स्पाॅट रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी हाेगी। पंजीकरण कोविन पर मौजूद परिवार के किसी सदस्य के अकाउंट से या पोर्टल पर नए मोबाइल नंबर से हाेगा। इस कार्यक्रम का शुभारंभ सभी जिलाें में सुबह 11 बजे से हाेगा। जिलाें में प्रतिनियुक्त वैक्सिनेशन के नाेडल अधिकारी काे इसकी जानकारी दे दी गई है। रांची में सिविल सर्जन कार्यालय में इसका उद्घाटन हाेगा।
सर्दी-खांसी या बुखार हाे ताे थाेड़े दिन रुक जाएं
बच्चाें काे काेर्बेवैक्स टीके लगाए जा रहे हैं। यह कितना सुरक्षित है? -टीका पूरी तरह से सुरक्षित है। कई लेवल पर ट्रायल के बाद सरकार ने इसकी मंजूरी दी है। पहले कोविशील्ड और कोवैक्सीन को लेकर भी लोगों में भ्रांतियां थीं। अब भ्रांतियां खत्म हो गई। ठीक इसी तरह बच्चों का टीका भी सुरक्षित है। काेई भ्रांति नहीं पालनी चाहिए।
मेरा बच्चे काे सर्दी-खांसी और बुखार है। क्या टीका ले सकता है? -बच्चाें काे अगर सर्दी-खांसी, बुखार या काेई अन्य बीमारी है ताे पहले उसे ठीक कर लें। इसके एक सप्ताह बाद ही टीका लें। हालांकि टीके का काेई साइड इफेक्ट नहीं है, लेकिन एहतियात के ताैर पर यह जरूरी है।
काेर्बेवैक्स टीका काैन ले सकता है?
-काेर्बेवैक्स टीका फिलहाल 12 से 14 वर्ष के बच्चाें के लिए शुरू की गई है। इसलिए सरकार के निर्देश पर इसी आयु वर्ग वालाें काे ये टीके लगाने की शुुरुआत की जा रही है। अगर टीका लेने के बाद बुखार या काेई परेशानी हाे ताे क्या करें?
-कोविशील्ड या कोवैक्सीन के समय से ही टीके के बाद बुखार आना स्वाभाविक माना जा रहा है। यह वैक्सीन का साइड इफेक्ट नही है। यदि बच्चचाें को बुखार आता है तो उसे पारासिटामोल या डाॅक्टर की सलाह से दवा दी जा सकती है। -जैसा कि रिम्स क्रिटिकल केयर के एचओडी डाॅ. प्रदीप भट्टाचार्य ने बताया
स्कूलों की सूची जारी करेगा प्रशासन: बच्चों को वैक्सीन लेने के लिए एक सेंटर से दूसरे सेंटर पर भटकना नही होगा। स्कूलों में ही बच्चों के वैक्सिनेशन की पूरी व्यवस्था की जाएगी। किस स्कूल में कब कैंप लगेगा इसकी जानकारी वैक्सीनेशन के नोडल प्रतिदिन जिला प्रशासन को उपलब्ध कराएंगे। इसके बाद आयु के अनुसार, किस स्कूल में या कहां सेंटर बनेगा, कहां टीका लगेगा इसकी जानकारी जिला प्रशासन उपलब्ध कराएंगे।
60 साल से ऊपर वालाें काे भी बूस्टर डाेज : राज्य में बुधवार से 60 साल से अधिक उम्र के लाेगाें काे भी बूस्टर डाेज लगाए जाएंगे। पहले यह 60 साल से ऊपर के उन लाेगाें काे लगाए जा रहे थे, जिन्हें काेई गंभीर बीमारी थी। अब यह शर्त हटा ली गई है। गाैरतलब है कि राजधानी में स्वास्थ्य कर्मियाें और फ्रंटलाइन वर्कर्स ने बूस्टर डाेज लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। हेल्थ वर्कर्स में सिर्फ 17 प्रतिशत और फ्रंटलाइन वर्कर्स में 25 प्रतिशत काे ही टीके लगाए गए हैं।