Joharlive Team
रांची। बाल पत्रकार की परिकल्पना अच्छी है। बाल पत्रकारों के समक्ष चुनौती आसान नहीं। इसे आसान बनाने के लिए हमें मिलकर प्रयास करना होगा। लॉकडाउन में लोगों के साथ-साथ बच्चों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं के समाधान के लिए लगातार चिंतन मंथन हो रहा है। बच्चों के पाठ्यक्रम में कटौती की गई है। समय बदल रहा है। अब शिक्षा का महत्व है। इसलिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से बच्चे आच्छादित हों। इस दिशा में सरकार कार्य कर रही है। ये बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने बाल पत्रकारों से बातचीत करने के क्रम में कही।
बेटियों की शिक्षा को लेकर सरकार संवेदनशील
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की बेटियों की शिक्षा को लेकर सरकार संवेदनशील है। अगर एक बेटी शिक्षित होती है तो आने वाली पीढ़ी भी स्वाभाविक रूप से सशक्त होगी। बाल पत्रकारों का प्रयास सराहनीय है। बच्चों के पाठ्यक्रम में बाल विवाह, बाल श्रम कानून से संबंधित जानकारी भी होनी चाहिए। ताकि बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी कानूनों के संबंध में जान सकें। कई अभिभावक गरीबी की वजह से बच्चों को बेच देते हैं। यह दुःखद है। सरकार ने कानून बनाया है। बाल विवाह, बाल मजदूरी गुनाह है। यह गुनाह तब तक यदा-कदा होता रहेगा। जब तक गरीब गरीबी से बाहर नहीं निकल जाता। वर्तमान सरकार ऐसे परिवारों को गरीबी से बाहर लाने हेतु प्रयासरत है।
शिक्षा के साथ-साथ हुनरमंद बनाना है
मुख्यमंत्री ने बताया कि बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ हुनरमंद बनाने की कार्य योजना पर भी कार्य हो रहा है। ताकि उन्हें रोजगार तलाशने में सहूलियत हो। शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ रोजगार प्राप्त करना भी एक चुनौती होती है। शिक्षा के बाद अगर रोजगार नहीं मिलता है, तो युवा अवसाद से ग्रसित हो जाते हैं। वहीं अगर हाथों में हुनर होगा तो वे अपने रोजगार का मार्ग प्रशस्त कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनिसेफ बाल पत्रकारों के सहयोग से मैगज़ीन तैयार करे। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग बाल पत्रकारों की सोच अन्य बच्चों तक संप्रेषित करने में सहयोग करेगा।
क्या है बाल पत्रकार कार्यक्रम
यूनिसेफ झारखंड में 2009 से बाल पत्रकार कार्यक्रम संचालित कर रहा है। इस वर्ष रांची के पांच प्रखंडों के 550 से अधिक बाल पत्रकारों को बाल अधिकारों के बारे में जानकारी के साथ प्रशिक्षण दिया गया है। ये बच्चे पोषण, स्वास्थ्य, बाल विवाह, बाल श्रम, शिक्षा आदि को लेकर समाज में जागरूकता फैला रहे हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान भी कई बच्चों ने आगे बढ़कर लोगों की मदद की और महामारी के बारे में लोगों को जागरूक किय। अब तक 20 हजार से अधिक बच्चे बाल पत्रकार कार्यक्रम से जुड़े हैं।
मुख्यमंत्री को बाल पत्रकारों ने दी यह जानकारी
मुख्यमंत्री को बाल पत्रकार वंशिका कुमारी ने बच्चों के द्वारा कोरोना संक्रमण के दौरान किये गए कार्यों, फरहीन परवीन ने बाल विवाह, रुकसार परवीन ने बाल श्रम से मुक्त कराए गए बच्चों व उन्हें पढ़ाई से जोड़ने एवं कोविड 19 के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के संदर्भ में दीपा कुमारी व मोहम्मद कैफ ने अवगत कराया।
इस अवसर पर यूनिसेफ के झारखण्ड प्रमुख प्रशांता दास, संचार अधिकारी आस्था अलंग, बच्चे व अन्य उपस्थित थे।