लोहरदगा: अगर आप रात को सोने जा रहे हैं, तो सावधान रहें. बिस्तर और कमरे की अच्छी तरह से जांच कर लें, कहीं कोई जहरीला जीव न छिपा हो. लोहरदगा जिले में पिछले दो दिनों में सांप के काटने से दो बच्चों की दर्दनाक मौत हो चुकी है. दोनों ही घटनाएं उस समय हुईं जब बच्चे अपने बिस्तर पर सो रहे थे, और इस बार यह घटना सदर थाना क्षेत्र के ऐने गांव में सामने आई है.
अंधविश्वास ने ली मासूम की जान
लोहरदगा जिले में अंधविश्वास की जड़ें इतनी गहरी हैं कि लोग झाड़फूंक जैसी प्रथाओं में विश्वास करते हुए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं. सदर थाना क्षेत्र के ऐने गांव में सांप के काटने से 12 वर्षीय नेयरा उरांव की मौत हो गई. नेयरा, संदीप उरांव का पुत्र था, जो रात में अपने घर में सो रहा था, जब उसे हाथ में सांप ने काट लिया. परिवार ने उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन अस्पताल में इलाज के बाद भी झाड़फूंक का सहारा लिया गया.
हालत बिगड़ने पर नेयरा को लोहरदगा सदर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. हैरानी की बात यह है कि बच्चे के परिजन बिना पोस्टमार्टम कराए ही उसके शव को घर ले गए. पुलिस निरीक्षक रत्नेश मोहन ठाकुर ने बताया कि परिजनों को पोस्टमार्टम के लिए समझाने की कोशिश की जा रही है, और पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
अंधविश्वास के कारण जानलेवा घटनाएं
लोहरदगा में लगातार हो रही ऐसी घटनाएं समाज में व्याप्त अंधविश्वास और झाड़फूंक की प्रथाओं पर सवाल खड़े कर रही हैं. लोग अभी भी विज्ञान और चिकित्सा को छोड़कर, पारंपरिक और अंधविश्वासी उपायों पर विश्वास कर रहे हैं, जिसके कारण मासूम जिंदगियां खत्म हो रही हैं. इस प्रकार की घटनाओं ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर अंधविश्वास कब तक लोगों की जान लेता रहेगा.