रांची: राजधानी के दूसरे बड़े सरकारी अस्पताल सदर में एक मामला सामने आया है. जिसमें परिजनों ने हॉस्पिटल पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. साथ ही यह भी आरोप लगाया है कि हॉस्पिटल की लापरवाही से उनके बच्चे की मौत हो गई. जिसकी जानकारी भी उन्हें नहीं दी गई. बता दें कि मामला फरवरी का है. जहां 13 फरवरी को बच्चे का जन्म हुआ था. उस समय बच्चा ठीक था. लेकिन कुछ समस्या बताकर बच्चे को वार्मर में रखा गया. अगले दिन वार्मर में उसका शरीर झुलस गया. इसके बाद बच्चे को रिम्स रेफर कर दिया गया. जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया. साथ ही बताया कि बच्चे की मौत काफी पहले हो चुकी है.
क्या है पूरा मामला
इटकी के रहने वाले आनंद मसीह लकड़ा ने अपनी गर्भवती पत्नी को सदर में 13 फरवरी को एडमिट कराया. महिला ने बेटे को जन्म दिया. बच्चे का चेहरा उसकी मां को दिखाया गया. वहीं पिता भी देखकर खुश थे. इस बीच बच्चे की धड़कन कम होने की बात उन्हें बताई गई और बच्चे को वार्मर में रखा गया. अगले दिन सुबह उन्हें बच्चे को कपड़े में लपेटकर दिया गया. आनन-फानन में पेपर बनाकर बच्चे को रेफर कर दिया गया. जब परिजन बच्चे को लेकर रिम्स पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि बच्चे की मौत तो काफी पहले हो चुकी है. इसके बाद परिजन बच्चे का शव लेकर पहुंचे. वहीं सदर हॉस्पिटल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट को लिखित शिकायत भी की. अब 13 मार्च को परिजनों ने सिविल सर्जन रांची, डिप्टी सुपरिंटेंडेंट और हॉस्पिटल मैनेजर के नाम आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है.
शिकायत के बाद बनाई गई थी जांच कमिटी
इस मामले में सदर हॉस्पिटल के प्रभारी डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉ विमलेश सिंह ने बताया कि मामले की शिकायत के बाद जांच कमिटी बनाई गई थी. कमिटी ने अबतक अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है. मामले की जांच चल रही है. जहां तक बच्चे के जलने की बात है तो वार्मर में बच्चा नहीं जला है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सबकुछ साफ हो जाएगा. वहीं इस मामले में समाजसेवी ज्योति शर्मा ने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में आया तो सिविल सर्जन को इसकी जानकारी दी है. परिजनों ने मुझे पूरी बात बताई. जिससे कई बातें सामने आ रही है. लापरवाही तो हुई है. चूंकि घटना के बाद परिजनों को बच्चे की स्थिति से अवगत नहीं कराया गया. इस मामले में जो भी दोषी है उनपर कार्रवाई होनी चाहिए.
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