बोकारो : बालू माफिया के खिलाफ जनप्रतिनिधियों को आवाज उठाना अब महंगा पड़ने लगा है. इसका खामियाजा जनप्रतिनिधियों के साथ परिवार वालों को सहना पड़ रहा है. ताजा मामला बोकारो जिले के चास प्रखंड का है, जहाँ चास प्रमुख द्वारा उसरी नदी में अवैध खनन कर बालू माफिया पर रोक लगाने की मुहिम का खामियाजा प्रमुख के पति को भुगतना पड़ा है. ऐसा वैसा नहीं बल्कि बालू माफिया और गाड़ी वालों ने प्रमुख के पति को घेर कर ताबड़तोड़ हमला कर अधमरा कर दिया, लेकिन चास प्रखंड में प्रमुख पति पर घटना होने के बाद भी पिंडराजोड़ा पुलिस और खनन विभाग को लिखित आवेदन देने के बाद भी ना तो उन पर हमलावर या बालू माफियाओं पर किसी प्रकार की कार्यवाई हुई ना उन्हें पुलिस पकड़ पायी है. इस घटना पर बोकारो पुलिस और खनन विभाग हाथ पर हाथ रख कर उदासीन रवैया अपनाये हुए हैं.
इसकी शिकायत लेकर चास प्रमुख और कई वार्ड सदस्य आज बोकारो, चास, एसडीएम से मिले जहाँ उन्होंने यह मांग की है कि प्रमुख पति के हमलावरों की गिरफ्तारी एवं नदी को समाप्त करने वाले बालू माफिया पर कार्रवाई कि जाए. ऐसा नहीं होता है तो पंचायती राज में निर्वाचित हुए सदस्य सड़कों पर उतरकर उन माफिया के खिलाफ आर पार की लड़ाई लड़ने को विवश होंगे. बालू माफियाओं के खेल की जानकारी पुलिस प्रशासन को देना और वरीय अधिकारियों के दिशा निर्देश पर थाने के द्वारा बालू माफियाओं पर कार्रवाई ना करने का खामियाजा जनप्रतिनिधियों के परिवार वालों को उठाना और घटना होने के बाद पुलिस प्रशासन का उदासीन रवैया अब उन जनप्रतिनिधियों को खलने लगा है.
प्रमुख ने कहा कि चास एसडीओ से मिलने के बाद यह भरोसा जगा जरूर है कि इस मामले में अब उन बालू माफियाओं पर कार्रवाई हो पाएगी, लेकिन फिर भी बालू माफियाओं पर बोकारो जिला प्रशासन द्वारा अगर कोई कार्रवाई नहीं करता है तो सारे जनप्रतिनिधि सड़कों पर उतरकर बालू माफिया के खिलाफ आर पार की लड़ाई लड़ेंगे और उन माफिया को उखाड़ फेंकेंगे. जनप्रतिनिधियों ने कहा कि बालू माफिया नदियों को दूषित कर रहे हैं और नदियों के अस्तित्व को मिटाने में जुटे हुए हैं. जिसका खामियाजा भोलीभाली जनता को उठाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जनता ने उन्हें अपनी समस्याओं की आवाज उठाने के लिए चुना है और वह वही काम कर रहे हैं.