रांची:  यूपीए के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मिलकर रिपोर्ट सार्वजनिक करने का आग्रह किया, फिर मुख्यमंत्री ने उनसे मिलकर रिपोर्ट पर सार्वजनिक करने की मांग की. लेकिन अब तक रिपोर्ट को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. शुक्रवार को जब पत्रकारों ने राज्यपाल से चुनाव आयोग की सील बंद रिपोर्ट पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि लिफाफा चिपक गया है, खुल नहीं रहा है. इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के वकील ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अपनी रिपोर्ट की एक कॉपी देने की मांग की थी.

जिस पर आयोग ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट से जुड़े मामले की कॉपी देने से इनकार कर दिया है. दरअसल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के वकील वैभव तोमर ने 1 सितंबर और 15 सितंबर को चुनाव आयोग को पत्र भेजा था. उन्होंने सीएम से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में आयोग द्वारा राजभवन को भेजे गए मंतव्य की कॉपी मांगी थी. उसी पत्र का जवाब देते हुए आयोग ने स्पष्ट किया है कि संविधान की धारा 192 (2) के तहत यह दो संवैधानिक अथॉरिटी के बीच का मामला है. इसलिए इस मसले पर राजभवन का आदेश आने से पहले आयोग द्वारा राजभवन को भेजी गई अपने मंतव्य की कॉपी देना संविधान का उल्लंघन कहलाएगा.

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