रांचीः भोजपुरी, मगही बोलने वालों के ऊपर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विवादित टिप्पणी पर सियासी घमासान जारी है. लेकिन इसको लेकर मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने सफाई दी है. मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का बयान में कोई भी ऐसी बातें नहीं है जो अनर्गल हो.
मीडिया से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री झारखंड आंदोलन के समय की स्थिति और परिस्थिति के बारे में बता रहे हैं, जिसे तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब झारखंड स्वतंत्र राज्य के रुप में है तो इसकी पहचान बिहार से अलग तो होगा ही. मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कुछ भी ऐसी बात नहीं कहा है, जिससे इतना भू-चाल आ जाए. मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने मगही, भोजपुरी, मैथिली भाषा को नियोजन नीति में शामिल नहीं होने के बाद उठे विवाद पर कहा कि सरकार सभी को लेकर चलेगी और इसपर विचार किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री के बयान पर राजनीतिक उफान
मुख्यमंत्री के विवादित बयान के बाद भाषा को लेकर राज्य में राजनीति शुरू हो गई है. भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री पर जमकर निशाना साधा है. बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री भानु प्रताप शाही ने हेमंत सोरेन के बयान की निंदा करते हुए कहा है कि राज्य सरकार पाकिस्तानी भाषा उर्दू को प्रमोट करने में लगी है. वहीं भोजपुरी, मगही जैसी क्षेत्रीय भाषा बोलने वालों पर अनर्गल टिप्पणी कर अपमानित करे रहे हैं.
भानु प्रताप शाही ने राज्य सरकार की नियोजन नीति में हिंदी की उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि हेमंत सरकार पहले धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश की और अब भाषा के आधार पर लोगों को लड़ाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि जब बीजेपी ने नमाज पॉलिटिक्स का विरोध किया तो सरकार बैकफुट पर सदन में ही आती दिखी. उन्होंने मुख्यमंत्री की ओर से असंसदीय भाषा का प्रयोग किया जाना पूरे राज्य को शर्मसार किया है, इसके विरोध में भाजपा चुप नहीं बैठेगी.