मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में सभी आयु वर्ग के लोगों के फ्री वैक्सीनेशन के लिए केंद्र सरकार से गुहार लगायी है. इस मसले पर सीएम हेमंत सोरेन ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. कहा है कि कोरोना काल में वैक्सीनेशन ही सबसे बड़ी राहत है, लेकिन कोरोना संकट के बीच राज्य की आर्थिक हालत बेहतर नहीं है.
सीमित संसाधनों के चलते वैक्सीनेशन पर करीब 1100 करोड़ रुपये का खर्च उठाने में राज्य समर्थ नहीं है. आने वाले दिनों में राज्य पर बड़ा वित्तीय बोझ पड़ने वाला है. हेमंत सोरेन के लिए इसके लिए केंद्र से मदद मांगी है
डेढ़ करोड लोगों के लिए वैक्सीन की जरूरत
पीएम को लिखी चिट्ठी में सीएम हेमंत ने कहा है कि कोरोना के दौर में आर्थिक संकट गहरा हुआ है. राज्य के पास सीमित संसाधन हैं. वैक्सीनेशन पर करीब 1100 करोड़ रुपये का खर्च है. इसे देखते हुए 18 से 45 आयु वर्ग के लिए लगभग एक करोड़ 57 लाख लोगों के लिये कोविड-19 के फ्री टीकों का इंतजाम कराया जाये.
राज्य में कोरोना के खिलाफ चलाये जा रहे टीकाकरण अभियान में कम टीकों की आपूर्ति सबसे बड़ी चुनौती बन गयी है. आने वाले समय में 12-18 आयु वर्ग में वैक्सीनेशन शुरू होगा तो और 1000 करोड़ का खर्च होगा. इसे वहन कर पाना झारखंड जैसे राज्य के लिए बेहद मुश्किल होगा.
पहली बार राज्यों के ऊपर भार
सीएम के अनुसार कोरोना महामारी में वैक्सीनेशन ही नियंत्रण का उपाय है. ऐसे में जरूरत के मुताबिक राज्य को वैक्सीन सप्लाई को प्राथमिकता मिले. यह पहली बार है कि आजाद भारत के इतिहास में टीकाकरण के लिए राज्यों पर वित्तीय जिम्मेदारी डाली गयी है. यह सहकारी संघ व्यवस्था के सिद्धांत के खिलाफ है.
सभी आयु वर्ग के लोगों के लिये केंद्र को मुफ्त वैक्सीन देनी चाहिए. फिलहाल राज्य को जरूरत से कम वैक्सीन दी गयी. इसके चलते वैक्सीनेशन पर अपेक्षा अनुसार काम नहीं हो सका. अब संभावित तीसरी लहर पर काबू करने के लिए मुफ्त वैक्सीन मिलनी ही चाहिए