रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को रांची जिला अंतर्गत अनगड़ा प्रखंड में 88 डिसमिल पत्थर खदान लीज मामले में चुनाव आयोग को जवाब भेज दिया है। उन पर पद पर रहते हुए खनन पट्टा लेने का आरोप है।
चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 20 मई, 2022 तक जवाब दाखिल करने का नोटिस जारी किया था। हालांकि, इस मामले में मुख्यमंत्री ने एक माह का समय मांगा था, जिसे चुनाव आयोग ने अस्वीकार करते हुए 20 मई तक जवाब देने को कहा था। चुनाव आयोग को जवाब भेजने के लिए गुरुवार को लीगल टीम दिल्ली पहुंची थी। बताया गया है कि खनन पट्टा मामले में झारखंड हाई कोर्ट में चल रहे मुकदमे के आधार पर निर्णय के इंतजार करने आग्रह चुनाव आयोग से किया गया है।
11 फरवरी को भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने अनगड़ा प्रखंड में 88 डिसमिल जमीन पर पत्थर खदान के लिए लाइसेंस निर्गत करने के मामले में राज्यपाल रमेश बैस से शिकायत की थी। इस पर राज्यपाल ने चुनाव आयोग से मंतव्य मांगा था। इसी आधार पर चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस भेजा था।
इधर, इस मामले में झामुमो ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा नौ के तहत मुख्यमंत्री का खनन लीज लेना लाभ के पद के दायरे में नहीं आने का दावा किया। साथ ही भाजपा पर साजिश के तहत हेमंत सोरेन के खिलाफ आरोप लगाने की बात कही थी।
इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चुनाव आयोग की नोटिस पर अपना पक्ष रखने के लिए एक माह का समय मांगा लेकिन आयोग ने उन्हें 10 दिन का अतिरिक्त समय दिया। जवाब देने की शुक्रवार को आखिरी तारीख थी।