सिमडेगा: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में हिस्सा लेने बुधवार को कोलेबिरा पहुंचे. वहां उन्होंने कुल 156 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया. वहीं, करीब 35 करोड़ की परिसंपत्तियों का वितरण भी किया गया.

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विशिष्ट अतिथि के रूप में ग्रामीण विकास, पंचायतीराज संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम और श्रम नियोजन प्रशिक्षण कौशल विकास विभाग मंत्री सत्यानंद भोक्ता शामिल हुए. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सड़क मार्ग से कार्यक्रम स्थल पहुंचे. कोलेबिरा पहुंचने पर मुख्यमंत्री के स्वागत किया गया. इसके बाद कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. मुख्यमंत्री द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया.

वीरों की धरती है झारखंड, अपने अधिकार के लिए हमेशा संघर्ष करने को रहें तैयार

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड शुरू से ही वीरों की धरती रही है. भगवान बिरसा मुंडा, सिदो -कान्हू नीलांबर- पीतांबर, तेलंगा खड़िया जैसे कई अमर वीर शहीदों ने अंग्रेजों और शोषण के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपनी शहादत दी. वहीं, झारखंड अलग राज्य के लिए 40 वर्षों तक चले आंदोलन में सैकड़ो लोगों ने अपनी कुर्बानी दे दी. आज भी यहां के आदिवासी मूलवासी संघर्ष कर रहे हैं. हमारी सरकार इन वीर शहीदों का झारखंड बनने के साथ यहां के आदिवासियों- मूल वासियों, आदिवासी, दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को पूरे मान-सम्मान के साथ उनका हक और अधिकार दे रही है.

संसाधनों की प्रचुरता होने पर भी राज्य पिछड़ता गया

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड अलग राज्य के बने 23 वर्ष हो चुके हैं. लेकिन, इसका अपेक्षित विकास नहीं हो सका. यहां तमाम खनिज पाए जाते हैं. प्राकृतिक संसाधनों की बहुलता है. जल- जंगल- जमीन से यह धनी है. यहां के लोग मेहनती हैं. फिर भी यह राज्य पिछड़ा है. रोजी-रोटी के लिए लोगों का पलायन होता आ रहा है. लेकिन, किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं गया. जब से हमारी सरकार बनी है राज्य से जुड़ी प्रमुख समस्याओं का आकलन करते हुए उसी के अनुकूल योजना बनाकर धरातल पर उतार रहे हैं, ताकि राज्य के साथ राज्यवासियों का भी विकास तेज गति से हो.

जब तक सामाजिक सुरक्षा नहीं देंगे, राज्य मजबूत नहीं होगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक सरकार अपने लोगों को सामाजिक सुरक्षा का कवच नहीं देगी राज्य मजबूती से आगे नहीं बढ़ेगा, इसी सोच को ध्यान में रखकर हमारी सरकार ने यूनिवर्सल पेंशन स्कीम लागू किया है इस स्कीम के तहत सभी बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों का पेंशन सुनिश्चित किया जा रहा है. वहीं, सरकारी कर्मियों को भी पुरानी पेंशन योजना का तोहफा हमारी सरकार ने दिया है, क्योंकि पेंशन को उनके बुढ़ापे की लाठी होती है. हमारी सरकार हर किसी को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है.

राशन कार्डधारियों को अब दाल भी मिलेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के 11 लाख लोगों का राशन कार्ड पहले छीन लिया गया था. लेकिन, हमारी सरकार ने 20 लाख हरा राशनकार्ड जारी किया है और इन्हें बाजार भाव से अनाज खरीद कर दिया जा रहा है. अब हर राशन कार्डधारी को अनाज के साथ एक किलो दाल भी दिया जाएगा.

तीन कमरों का सुसज्जित आवास देंगे, शहर और गांव के बीच बढ़ेगी कनेक्टिविटी

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के गरीब और घर विहीन लोगों को तीन कमरों का सुसज्जित मकान दिया जाएगा. इसके लिए अबुआ आवास योजना शुरू की गई है. इसके तहत अगले 3 सालों में 8 लाख मकान बनाए जाएंगे. वहीं, गांव और शहरों के बीच निरंतर कनेक्टिविटी बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना शुरू की गई है. सभी बुजुर्ग, दिव्यांग और विद्यार्थियों को इस योजना के तहत निःशुल्क बस परिवहन की सेवा मिलेगी.

आपके आगे बढ़ने का हर रास्ता खुल चुका है

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के हर वर्ग और तबके के लोगों का आगे बढ़ने का रास्ता सरकार ने खोल दिया है. नौजवानों को सरकारी नौकरी के साथ निजी क्षेत्र में भी ऑफर लेटर बड़े पैमाने पर दिया जा रहा है. स्वरोजगार के इच्छुक युवाओं के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार सृजन योजना है. किसानों पशुपालकों और मजदूरों के लिए मुख्यमंत्री पशुधन योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना और दीदी बाड़ी योजना जैसी कई योजनाएं है. सोना सोबरन धोती साड़ी योजना के तहत गरीबों को वर्ष में दो बार वस्त्र दिया जा रहा है. हड़िया-दारु बेचने वाली महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका से जोड़ने के लिए फूलो- झानो आशीर्वाद योजना चल रही है।. बच्चियों की पढ़ाई के लिए सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना है. मरांग गोमके पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के तहत विदेश में पढ़ने के लिए आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को शत-प्रतिशत स्कॉलरशिप दी जा रही है. प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी से लेकर मेडिकल इंजीनियरिंग और लॉ जैसे कोर्सेज करने के लिए सरकार आर्थिक मदद कर रही है. ऐसी और अनेकों योजनाएं हैं , जिनके माध्यम से यहां के आदिवासी, दलित अल्पसंख्यक, पिछड़े, किसानों, मजदूरों, महिलाओं और नौजवानों को सशक्त करने का काम हो रहा है.

जनता की सेवा करने के लिए सरकारी कर्मियों को मिलता है तनख्वाह

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मियों का काम जनता की सेवा करना है. क्योंकि, इसी के लिए उन्हें तनख्वाह मिलता है. ऐसे में अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा से निभाएं. जो अच्छा काम करेंगे उन्हें सरकार पुरस्कृत करेगी. इसके साथ उनकी जायज मांगों और समस्याओं पर सरकार हमेशा सकारात्मक निर्णय लेते आई है और आगे भी ऐसा ही करेगी.

आदिम जनजाति परिवारों के बच्चे भी अब बनेंगे अधिकारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हम समय रहते नहीं चेते तो आदिम जनजाति विलुप्ति के कगार पर पहुंच जाएगी. हमारी सरकार आदिम जनजातियों को सशक्त करने की दिशा में लगाकर प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में आदिम जनजाति के विद्यार्थियों को प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग कराई जा रही है. मुझे पूरा विश्वास है कि ये बच्चे अपनी मेहनत से अपना मुकाम हासिल करेंगे और कलेक्टर तथा अन्य बड़े अधिकारी बनकर अपने परिवार और जनजाति का नाम रोशन करेंगे.

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