रांची । आचार संहिता उल्लंघन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिवक्ता के माध्यम से सोमवार कोअदालत में अपना पक्ष रखा। मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में हुई। जज अनामिका किस्कू मामले में सुनवाई कर रहीं थीं।
मुख्यमंत्री हेमंत के अधिवक्ता ने अदालत से मुख्यमंत्री को सशरीर उपस्थित होने से छूट देने की मांग की। इसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है। मुख्यमंत्री को अदालत में फिलहाल सशरीर उपस्थित नहीं होना पड़ेगा। अब मुख्यमंत्री की ओर से मामले में जवाब दाखिल किया जाएगा।अदालत में सीआरपीसी 205 के तहत यह याचिका दाखिल की गई है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोर्ट में उपस्थिति से छूट की अर्जी के खिलाफ अभियोजन पक्ष के द्वारा रिजॉइंडर फाइल करने को लेकर अदालत से 10 दिनों का समय मांगा गया है।
इससे पूर्व दो जून को मामले में सुनवाई की तारीख निर्धारित थी लेकिन उपस्थिति दर्ज नहीं कराई गयी। इसके बाद सात जून की तिथि सुनवाई के लिए निर्धारित की गयी थी। हालांकि, इस दौरान कोर्ट ने मुख्यमंत्री को सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया था।
उल्लेखनीय है कि यह मामला लोकसभा चुनाव 2019 से जुड़ा है। लोकसभा चुनाव में वोट देने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन अरगोड़ा स्थित संत फ्रांसिस स्कूल में बूथ नंबर 288 में वोट देने गये थे। इसी दौरान दोनों ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का पट्टा लगाया हुआ था। मामले को लेकर कार्यपालक दंडाधिकारी राकेश रंजन ने अरगोड़ा थाने में आचार संहिता उल्लंघन का एफआईआर दर्ज कराया था।