रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बड़ा ऐलान किया है कि यदि राज्य में उनकी सरकार फिर से बनती है, तो राज्य के सर्वोच्च पुरस्कार का नाम बदलकर ”भगवान बिरसा मुंडा- भगवान सिदो-कान्हू पुरस्कार” रखा जाएगा. मुख्यमंत्री ने यह घोषणा अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर की है.
भगवान बिरसा मुंडा और सिदो-कान्हू का सम्मान
मुख्यमंत्री की यह घोषणा राज्य के आदिवासी समाज को एक बड़ी श्रद्धांजलि के रूप में देखी जा रही है, जो बिरसा मुंडा और सिदो-कान्हू को आदिवासी आंदोलन और संघर्ष के प्रतीक के रूप में सम्मानित करते हैं.
बिरसा मुंडा की जयंती पर केंद्र सरकार की घोषणाएं
15 नवम्बर को बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में आदिवासी समुदाय के लिए 6640 करोड़ रुपये की योजनाओं का ऐलान किया था. साथ ही, बिरसा मुंडा के नाम पर एक चांदी का सिक्का और डाक टिकट जारी किया गया. इसके अलावा, दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम बदलकर “बिरसा मुंडा चौक” कर दिया गया था.
मुख्यमंत्री ने जताई थी आपत्ति
इस फैसले पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विरोध जताते हुए कहा था कि बिरसा मुंडा के नाम पर सिर्फ एक छोटे से चौक का नाम बदलना उनके योगदान का उचित सम्मान नहीं है. उन्होंने इसे ”धरती आबा का अपमान” बताया और केंद्र सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की थी.
राज्य के सर्वोच्च पुरस्कार का महत्व
मुख्यमंत्री सोरेन के इस निर्णय से यह साफ है कि राज्य सरकार अपने आदिवासी नेताओं और शहीदों के योगदान को न केवल ससम्मान मान्यता देना चाहती है, बल्कि उसे झारखंड के सर्वोच्च सम्मान के रूप में भी सम्मानित करना चाहती है.
https://x.com/HemantSorenJMM/status/1857831107737346286
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