रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन के सभागार में नगर विकास विभाग के 47 सहायक अभियंताओं और वाणिज्यकर विभाग के 46 लिपिकों के नियुक्ति पत्र सौंपा. उन्होंने मौके पर कहा कि झारखंड एक पिछड़ा राज्य है, इस राज्य को विकसित राज्यों की श्रेणी में ले जाना है और उसमें आप जैसे नवनियुक्त अभियंताओं और लिपिकों की भी बड़ी भूमिका होगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दिन के लिए आप सभी ने कड़ी मेहनत की है. उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकारी नौकरी हर किसी का सपना होता है. पर आज सरकारी संस्थाओं का निजीकरण किया जा रहा है. राज्य में सत्ता संभालने के दो ढाई सालों तक कोरोना से लड़ना पड़ा. फिर राज्य को सूखे की चुनौती का सामना करना पड़ा. राज्य में नियुक्ति नियमावली नहीं थी. इसके अलावा मामले कोर्ट कचहरियों में फंस जाते थे. इन सबके बावजूद अब लगातार नियुक्तियां हो रही है. हमलोगों ने पिछले कुछ समय में बीडीओ, सीओ, डीएसपी, शिक्षकों और कृषि पदाधिकारियों सहित कई विभागों में नियुक्तियां की है. जल्दी ही हजारों की संख्या में शिक्षकों की नियुक्तियां भी होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने निजी क्षेत्रों में भी 75 प्रतिशत सीटें झारखंड के बच्चों के लिए आरक्षित करने का नियम बनाया है. मौके पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि किसी भी राज्य के लिये नियुक्तियां सतत् प्रक्रिया है. यह हमलोगों के लिए इसलिए खास है कि राज्य अलग होने के बाद हम सालों तक कैडर बंटवारें में उलझे रहे. अब मामले लगभग सुलझा लिए गए हैं और तेजी से नियुक्तियां हो रही हैं. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, नगर विकास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे, वाणिज्य कर आयुक्त सहित अन्य उपस्थित थे.

राज्य में काफी संख्या में हुई है नियुक्तियां : सत्यानंद भोक्ता

श्रम नियोजन मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि बीते साढ़े तीन वर्षों में जितनी नियुक्तियां हुई वह एक उपलब्धि है. क्योंकि सिर्फ सरकारी ही नहीं गैरसरकारी स्तर पर भी बड़ी संख्या में नियुक्तियां हुई है. हमलोगों की सरकार सिर्फ वायदा करने में ही नहीं बल्कि उसे धरातल में लाने में विश्वास रखती है.

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