Chhath Puja 2024 : लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा 2024 आज, 5 नवंबर 2024, मंगलवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो चुका है. यह पर्व सूर्य देव और छठी मइया की पूजा के साथ संतान सुख, समृद्धि और उनकी कल्याण के लिए मनाया जाता है. इस दिन व्रति गंगा सहित अन्य पवित्र नदियों में स्नान करके सूर्य देव की पूजा करते हैं, इसके बाद सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं.

जानें कब होगा कौन सा अनुष्ठान

  1. नहाय-खाय (5 नवंबर 2024)
    आज के दिन से छठ पूजा की शुरुआत होती है. इस दिन व्रति सूर्योदय के समय स्नान करके सूर्य देव की पूजा करते हैं और फिर सात्विक भोजन करते हैं, जिसमें चावल-दाल और लौकी की सब्जी विशेष रूप से शामिल होती है. भोजन में कद्दू का सेवन करने की परंपरा है, क्योंकि यह शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है, जो आगे के 36 घंटे के निर्जला व्रत के दौरान मददगार होता है.
  2. खरना (6 नवंबर 2024)
    अगले दिन 6 नवंबर को खरना होता है, जिसमें व्रति सूर्य देव को भोग अर्पित करने के बाद उपवासी रहते हैं. इसके बाद वे 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखते हैं, जो पूजा के अंतिम दिन समाप्त होता है.
  3. डूबते सूर्य को अर्घ्य (7 नवंबर 2024)
    7 नवंबर को कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. यह समय खासतौर पर सूर्यास्त के करीब होगा. व्रति शाम को सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते हैं और इसके बाद उनकी उपासना जारी रहती है.
  4. उगते सूर्य को अर्घ्य (8 नवंबर 2024)
    8 नवंबर को शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि में उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. यह अर्घ्य प्रातः सूर्य के उगने के समय दिया जाता है, और इसी के साथ छठ पूजा का समापन होता है.

कद्दू का सेवन क्यों है खास?

नहाय-खाय के दिन व्रति विशेष रूप से लौकी और कद्दू की सब्जी खाते हैं. कद्दू का सेवन इसलिए किया जाता है क्योंकि यह शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है और लंबे व्रत के दौरान शरीर को आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है. इसके अलावा, इस दिन तैयार की जाने वाली सब्जी प्याज और लहसुन से रहित होती है, ताकि यह पूरी तरह से सात्विक हो और व्रति का शरीर शुद्ध रहे.

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

आज, 5 नवंबर 2024 को दिल्ली में सूर्योदय सुबह 6:36 बजे होगा और सूर्यास्त शाम 5:33 बजे. इस समय के दौरान व्रति सूर्य देव की पूजा करेंगे और सात्विक भोजन ग्रहण करेंगे. छठ पूजा एक कठोर उपवास और भक्तिपूर्वक पूजा का पर्व है, जिसमें व्रति सूर्य देव और छठी मइया की उपासना करते हैं. यह पर्व विशेष रूप से संतान सुख और समृद्धि की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है. इस वर्ष के छठ पूजा में 7 नवंबर को डूबते सूर्य और 8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.

Also Read: वेंटिलेटर पर हैं लोक गायिका शारदा सिन्हा, पीएम मोदी ने बेटे से फोन पर की बात

Share.
Exit mobile version