पटना: लोकआस्था के महापर्व छठ के अवसर पर बिहार के बाहर रह रहे लोगों की अपने गांवों में लौटने की इच्छा ने रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ पैदा कर दी है. पटना सहित प्रदेश के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों का रेला उमड़ रहा है, जिससे स्लीपर और थर्ड एसी बोगियों में भी स्थिति बेहद कठिन हो गई है. इस भीड़ को देखते हुए भारतीय रेलवे ने विशेष ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया है. हालांकि, यात्रियों की भारी संख्या के कारण ये विशेष ट्रेनें भी पर्याप्त नहीं हो पा रही हैं.
कई यात्री स्थान न मिलने के कारण अपना सफर बीच में ही छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं. बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को सफर के दौरान अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष त्योहारों के दौरान 7,296 विशेष गाड़ियां चलाने की योजना बनाई गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी अधिक है. 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को क्रमशः 150 और 158 विशेष ट्रेनें चलायी गईं. पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने बताया कि इस बार ट्रेन के फेरे भी बढ़ाए गए हैं.
बसों में यात्रियों को ठूंसकर लाया जा रहा है
हालांकि, ट्रेनों में जगह नहीं मिलने के कारण निजी बस ऑपरेटरों ने भी अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं. दिल्ली, मुंबई और अन्य स्थानों से आने वाली बसों में यात्रियों को ठूंसकर लाया जा रहा है. दिल्ली से मुजफ्फरपुर जाने वाली बसों में मनमाना किराया वसूला जा रहा है, जिससे यात्रियों को बेंच पर बैठकर यात्रा करनी पड़ रही है. एक यात्री ने बताया कि उसे दिल्ली से मुजफ्फरपुर आने के लिए 4000 रुपये का किराया देना पड़ा.