Chhath Puja 2023 Day 2 : छठ महापर्व का दूसरा दिन यानी आज खरना है. खरना का अर्थ होता है शुद्धिकरण. आज छठव्रती पूरे दिन उपवास रखती हैं. शाम के समय मिट्टी के नए चूल्हे पर गुड़ की खीर बनती है. खास बात यह है कि वह खीर मिट्टी के चूल्हे पर तैयार की जाती है. प्रसाद तैयार होने के बाद सबसे पहले व्रती महिलाएं इसे ग्रहण करती हैं, उसके बाद इसे बांटा जाता है. इस दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती है. इसके अगले दिन सूर्यास्त के समय व्रती लोग नदी और घाटों पर पहुंच जाते हैं. जहां डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस दौरान सूर्यदेव को जल और दूध से अर्घ्य देते है. साथ ही इस दिन व्रती महिलाएं छठी मैया के गीत भी गाती हैं. आज सूर्यास्त शाम 05:26 बजे होगा.
छठ पर्व के दूसरे दिन के नियम
खरना के दिन जो प्रसाद तैयार किया जाए, वो प्रसाद जरूरतमंद लोगों को देना चाहिए. इससे छठी माता प्रसन्न होती हैं और पुण्य की प्राप्ति होगी.
खरना का प्रसाद बिल्कुल साफ सुथरे वस्त्र पहनकर ही बनाना चाहिए. बल्कि चारों दिन ही साफ कपड़े पहनने चाहिए.
छठ पूजा में सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है. सूर्य भगवान को जिस बर्तन से अर्घ्य देते हैं, उसका विशेष ध्यान रखें. व्रती महिलाओं को ये अर्घ्य तांबे के लोटे में ही देना चाहिए.
छठ पूजा में सफाई का खास ध्यान रखें. अगर आप छठ पूजा के लिए प्रसाद बना रहे हैं तो विशेष सावधानियां बरतें. अपने हाथ धोते रहें और इसे पूरी स्वच्छता के साथ बनाएं.
कर्ण ने शुरू की सूर्य देव की पूजा
मान्यता के अनुसार महापर्व छठ की शुरुआत महाभारत काल में हुई थी. इस पूजा की शुरुआत सूर्य पुत्र कर्ण के द्वारा हुई थी. कर्ण ने सूर्य देव की पूजा शुरू की. कथाओं के अनुसार कर्ण भगवान सूर्य के परम भक्त थे. वह हर दिन घंटों तक कमर जितने पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दिया करते थे. उनके महान योद्धा बनने के पीछे सूर्य की कृपा थी. आज के समय में भी छठ में अर्घ्य देने की यही पद्धति प्रचलित है.
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