रांची : नहाय-खाय के साथ ही कल यानी 17 नवंबर से छठ महापर्व शुरू हो जायेगा और 20 नवंबर को समाप्त होगा. छठ के पहले दिन, जो चतुर्थी तिथि है, लोग अनुष्ठान करते हैं ‘नहाय खाय’ के बाद दूसरे दिन खरना होता है, जो पंचमी तिथि को पड़ता है. छठ का अंतिम दिन, सप्तमी तिथि, सुबह आयोजित उषा अर्घ्य समारोह के साथ समाप्त होती है, जो छठ पूजा उत्सव के अंत का प्रतीक है. इस त्योहार के दौरान, भक्त नदी में पवित्र स्नान करना, उपवास करना और सूर्य देव को प्रार्थना करना सहित विभिन्न अनुष्ठान करते हैं.
तालाबों व घाटों की मरम्मत व साफ-सफाई का कार्य अंतिम चरण में
आस्था का महापर्व छठ पूजा को लेकर तालाबों व घाटों की मरम्मत व साफ-सफाई का काम लगभग पूरा चुका है. इसके साथ ही घाटों को सजाने का कार्य भी अंतिम चरण में है. यह पर्व भारत के बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश राज्यों में लोग इस चार दिवसीय त्योहार को बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाते हैं.
चार दिन का महापर्व
छठ पर्व में चार दिनों तक छठी माता और सूर्यदेव की पूजा-अर्चना की जाती है. छठ पूजा का व्रत काफी कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. छठ में व्रती महिलाएं 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत रखती हैं. वे पारण के दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर ही भोजन करती हैं. छठ पूजा का व्रत खरना के दिन से शुरू हो जाता है, इसलिए व्रती महिलाओं के लिए यह दिन काफी महत्वपूर्ण होता है. छठ के दौरान छठी मैया और सूर्यदेव की पूजा-अर्चना की जाती है.
कब से शुरू हो रहा है छठ पूजा
छठ पूजा का पहला दिन- नहाय-खाय- शुक्रवार, 17 नवंबर 2023
छठ पूजा का दूसरा दिन- खरना- शनिवार, 18 नवंबर 2023
छठ पूजा का तीसरा दिन- संध्याकालीन अर्घ्य- रविवार, 19 नवंबर 2023
छठ पूजा का चौथा दिन- सुबह का अर्घ्य- सोमवार, 20 नवंबर 2023
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