Joharlive Team

चतरा। दुनिया भर में नोबेल कोरोना वायरस के मामले लगातार सामने आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ ने कोरोना वायरस को अंतर्राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया है।
भारत के केरल, दिल्ली, तेलंगाना, जयपुर, शहरों में कोरोना वायरस की पुष्टि हो चुकी है। झारखण्ड राज्य में कोरोना वायरस की पुष्टि नहीं हुई हैं, किन्तु राज्य में सावधानी बरतने एवं सतर्क रहने की हमे आवश्यकता है। नोवेल कोरोना वायरस के लक्षण हैं नाक बहना, कफ और खांसी, गले में दर्द, सिर दर्द, कई दिनों तक रहने वाला बुखार, निमोनिया व ब्रोंकाइटिस।
इसे लेकर उपायुक्त, जितेंद्र कुमार सिंह ने जिला वासियों से नोवेल कोरोना वायरस को लेकर सतर्कता व सावधानी बरतने का अपील किया है। विभिन्न प्रकार के सामुदायिक कार्यक्रमों के आयोजनों से बचने एवं इस वायरस के फैलाव को कम होने के पश्चात हीं सामुदायिक कार्यक्रमों का आयोजन करने का अपील किया गया है।
अतिआवश्यक कार्यक्रमों के आयोजन की स्थिति में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा निर्गत मार्गनिर्देश एवं सुझावों का पालन आवश्य करने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग पू तरह से सक्रिय है, संक्रमण के रोकथाम हेतु अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने एवं संभावित मजों की त्वरित जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
उपायुक्त ने आमजनों से अपील किया कि नोवेल कोरोना वायरस से अनावश्यक डरने की आवश्यकता नहीं, सावधानी व सतर्कता से बचाव आसान है एवं इस वायरस को फैलने से आप रोक सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दिशानिर्देश जा किए हैं। एहतियातन के तौर पर जनसमुदाय में कोरोना वायरस से बचाव हेतु अपने हाथ साबुन और पानी या हैंड सैनिटाइजर या अल्कोहल युक्त हैंड रब से साफ करें। खांसते एवं छींकते हुए अपनी नाक एवं मुंह को टिशू पेपर या हथैली से ढकें। जिन्हें सर्दी एवं फ्लू जैसे लक्षण हो उनके साथ कबी संपर्क बनाने से बचें। इसके अलावा खाने को अच्छे से पकाएं, मीट एवं अंडे को भी पकाकर ही खाएं एवं जानवरों के संपर्क में कम आये।
इस वायरस का आकार 400 से 500 माइक्रोन होता है, कोई भी मास्क इसे रोक सकता है। ज्यादा कीमत का मास्क लेने की आवश्यकता नहीं है। यह वायरस हवा में नहीं रहता, यह किसी वस्तु पर या किसी जीव पर ही एक जगह से दूस जगह फैलता है। यह वायरस धातु पर पड़ा हो तो 12 घंटों तक ही जीवित रहता है, किसी ऐसी संक्रमित धातु को छूने के बाद साबुन और पानी से अच्छी तरह हाथ धोए। दिन में कई बार अपने हाथों को धोए।
कपड़ों पर यह वायरस 9 घंटो तक रहता है, कपड़ों को अच्छी तरह साबुन से धोएं और धूप में अच्छी तरह सूखने दें। यह वायरस 26 से 27 डिग्री तापमान पर आने पर मर जाता है, इसलिए गर्म पानी पिए और सूरज की धूप लें, आइसक्रीम और ठंडे पदार्थ खाने से परहेज करें।
गर्म नमक के पानी से गरारे करें, यह वायरस को फेफड़ों तक पहुंचने से रोकता है। भीड़भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचें।

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