Joharlive Team
चतरा। ईडी ने उग्रवादी संगठन टीपीसी के कमांडर बिंदेश्वर गंझू उर्फ बिंदू गंझू की 2.03 करोड़ की अचल संपत्ति जब्त की है। बिंदू गंझू ने चतरा की मगध-आम्रपाली कोल परियोजना में भारी पैमाने पर पैसे की उगाही की थी। इसके बाद लेवी के पैसे से उसने अपनी कंपनी मेसर्स मां गंगा कोल ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड खोली थी।
ईडी ने कार्रवाई करते हुए बिंदू गंझू और उसकी कंपनी के नाम पर खरीदी गई गाड़ियों को भी जब्त किया है। मगध-आम्रपाली कोल परियोजना में कोल कारोबारियों, आउटसोर्सिंग कंपनियों, ट्रांसपोर्टरों से संगठित तरीके से कमेटी बनाकर उगाही की जाती थी. इस मामले में टंडवा थाने में पहली प्राथमिकी 11 जनवरी 2016 को दर्ज की गई थी।
इस केस में बिंदू के अलावा विनोद कुमार गंझू समेत अन्य को आरोपी बनाया गया था।बाद में एनआईए ने इस केस को टेकओवर कर लिया. इस मामले में एनआईए दो चार्जशीट दायर कर चुकी है। इन्हीं, चार्जशीट्स के आधार पर ईडी ने बिंदू गंझू के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग का केस दर्ज किया था।
ईडी ने जांच में पाया कि बिंदू गंझू ने मगध-आम्रपाली परियोजना के डिविलरी आर्डर होल्डर, ट्रांसपोर्टरों से करोड़ों की लेवी वसूली की. इस राशि का इस्तेमाल उसने अपनी फर्म के लिए किया। बिंदू ने इस तरीके से 2.89 करोड़ की संपत्ति अर्जित की। इस मामले में ईडी ने पूर्व में विनोद कुमार गंझू, प्रदीप राम और उनके दो फर्म की संपत्ति 19 सितंबर 2019 को जब्त की थी. इस मामले में बिंदू की अचल संपत्ति जब्त की गई।
मगध-आम्रपाली कोल परियोजना से विस्थापित और उग्रवादियों की कमेटी बनाकर वसूली के मामले में एनआईए को टीपीसी सरगना ब्रजेश गंझू, कमांडर आक्रमण जी, मुकेश गंझू, भीखन गंझू, नागेश्वर गंझू की तलाश है। वहीं, संगठित तरीके से लेवी उठाकर करोड़ों की टेरर फंडिंग के मामले में सीसीएल के पूर्व जीएम, सीसीएल कर्मी और उग्रवादियों, सीसीएल के लाइनजर रहे सुभान मिंयां, ट्रांसपोर्टर छोटू सिंह, आधुनिक कंपनी के संजय जैन समेत एक दर्जन आरोपी जेल में बंद हैं।