रांची: मौसम पल-पल बदल रहा है. दिन में चिलचिलाती धूप और शाम ढलते ही ठिठुरन ने जन-जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. लेकिन मौसम के इस उतार-चढ़ाव का असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है. दिन-रात के तापमान में 12-13 डिग्री का अंतर है. इस वजह से ओपीडी में मौसमी बीमारी के मरीजों की भीड़ बढ़ गई है. मौसमी बीमारी के साथ काफी संख्या में मरीज ओपीडी में पहुंच रहे है. चौंकाने वाली बात यह है कि सर्दी, खांसी और बुखार जल्दी ठीक भी नहीं हो रहा है. जिससे कि लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. वहीं दवाएं खाने के अलावा कोई चारा भी नहीं है. लेकिन खुद से दवा खाना महंगा पड़ सकता है. इसलिए डॉक्टर बिना सलाह के कोई भी दवा खाने से मना कर रहे है. ताकि शरीर को कोई नुकसान न पहुंचे.
बिना एंटीबायोटिक असर नहीं
डॉ बी कुमार की माने तो पहले सामान्य तौर पर सर्दी, खांसी, बुखार और वायरल इंफेक्शन 2 से तीन दिन में खत्म हो जाते थे. लेकिन कोरोना के आने के बाद से ये जल्दी ठीक नहीं हो रहे. वहीं बिना एंटीबायोटिक के तो ये ठीक भी नहीं हो रहे. इसलिए डॉक्टर तत्काल कंसल्ट करने को कह रहे है. वहीं कई तरह के जांच भी कराए जा रहे है जिससे कि तत्काल इलाज शुरू किया जा सके.
मौसमी बीमारी के 10 परसेंट मरीज बढ़े
ओपीडी में वैसे तो मरीजों की भीड़ होती है. लेकिन मौसम बदलने के साथ ही ओपीडी में मरीजों की संख्या में 10 परसेंट का इजाफा हुआ है. ये वैसे मरीज है जिन्होंने पहले खुद से दवाएं ली. इसके बाद भी ठीक नहीं हुए तो इलाज के लिए ओपीडी पहुंच रहे है. अब इन मरीजों को टेस्ट कराने के बाद ही इलाज शुरू किया जा रहा है.
इन बातों का रखें ध्यान
- दिन में गर्मी के बावजूद फुल बांह के कपड़े पहने
- शाम में वूलेन कपड़े पहनकर ही बाहर निकले
- घर का ताजा खाना खाएं
- मेडिकल से खुद दवा लेकर न खाएं
- तीन दिन से अधिक समस्या होने पर डॉक्टर से कंसल्ट करें
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