श्रीहरिकोटा : अब से कुछ ही घंटों में Chandrayaan-3 श्रीहरिकोटा से लॉन्च होगा। लॉन्चिंग के बाद धरती से चांद तक पहुंचने के लिए चंद्रयान को 3,84,400 किलोमीटर की दूरी को तय करना होगा। अगर सबकुछ योजना के अनुसार रहा तो चंद्रयान-3, 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कर सकता है। हालांकि वहां सूर्योदय की स्थिति को देखते हुए इसमें बदलाव भी हो सकता है।
भारत के चंद्रयान-3 पर पूरी दुनिया की निगाहें
भारतीय वैज्ञानिकों के इस मिशन पर पूरी दुनिया की नज़रें लगी हुई हैं। चांद की सतह पर उतरने की भारतीय वैज्ञानिकों की ये दूसरी कोशिश है। अगर भारत चांद की सतह पर उतरने में कामयाब हो जाता है तो वो दुनिया में अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश हो जाएगा जो ये कामयाबी हासिल करेगा। चांद के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश भी बन जाएगा। ये वही इलाका है जहां चंद्रयान टू का लैंडर विक्रम चांद की सतह से कुछ ही दूरी पर क्रैश हो गया था। लिहाजा आज पूरी दुनिया की निगाहें इसलिए भी हमारे ऊपर टिकी हैं।
2008 में लॉन्च हुआ था पहला चंद्र मिशन
2008 में इसरो ने भारत का पहला चंद्र मिशन चंद्रयान-1 सफलतापूर्वक लॉन्च किया था, तब इसने चंद्रमा की सतह पर पानी के अणुओं की खोज की थी। हालांकि 2019 में चंद्रयान-2 मिशन सफल नहीं हो पाया था। चंद्रयान-3 उसी का फॉलोअप है।
कोरोना के चलते चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग में हुई देरी
पहले चंद्रयान-3 मिशन को साल 2021 में लॉन्च किया जाना था, लेकिन कोरोना के चलते इसको लॉन्च करने में देर हो गई। चंद्रयान-3,चंद्रयान-2 का फॉलोअप है, जो 2019 में लॉन्च किया गया था। चंद्रयान-2 में लैंडर क्रैश हो गया था और अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा को इसका मलबा मिला था।
चंद्रयान-3 का कितना है बजट?
चंद्रयान-3 का कुल खर्च 600 करोड़ रुपए ज्यादा आया है। इससे पहले चंद्रयान-2 के लिए 900 करोड़ से ज्यादा का बजट आवंटित किया गया था। हालांकि अगर इसकी तुलना चीन और अमेरिका के मून मिशन से की जाए तो ये काफी कम है।
क्रैश लैंडिंग को लेकर भी है तैयार है चंद्रयान-3
इस बार ISRO के वैज्ञानिकों ने पिछली क्रैश लैंडिंग से सबक लेते हुए इसमें कई बदलाव किये हैं। लैंडर में कई तरह से नए सेंसर लगे हैं। इसका वज़न भी करीब ढाई सौ किलो है। लैंडर के पैर पहले से कहीं ज्यादा मज़बूत हैं। इसलिये उम्मीद की जा रही है कि भारत चांद की सतह पर तिरंगा फहराने में कामयाब ज़रूर होगा।
चंद्रयान-3 को चांद तक लेकर जाएगा बाहुबली रॉकेट
चंद्रयान-3 को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए अपग्रेडेड बाहुबली रॉकेट यानी लॉन्च व्हीकल मार्क-3 तैयार है। लांच होने के महज 17 मिनट के अंदर ही चंद्रयान पृथ्वी की कक्षा में पहुंच जाएगा, जहां से ये पृथ्वी के चक्कर लगाते हुए चंद्रमा के लिए रवाना हो जाएगा। वहीं से इसकी परीक्षा शुरू हो जाएगी। इसके बाद सबसे बड़ा इम्तिहान होगा 24 अगस्त की रात को जब ये चंद्रमा पर लैंड करेगा।