रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. उन्होंने कोल्हान की एक प्रमुख भाषा ‘हो’ को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि आदिवासी समाज की काफी पुरानी मांग रही है. इसलिए इसे पूरा किया जाना चाहिए.
‘हो’ भाषा एक प्रमुख भाषा रही है
‘हो’ भाषा की वारंग क्षिती लिपी नाम की विशेष रूप से डिजाइन की गई लिपि है. इस भाषा का इस्तेमाल झारखंड के विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम में किया जाता है. इसकी किताबें देवनाहरी, ओडिया, बांग्ला और वारंग क्षिती लिपी में भी प्रकाशित हुईं हैं.
आदिवासी ‘हो’ समाज युवा महासभा की ओर से विशेष अनुरोध भी किया गया है कि इनकी उक्त मार्ग पूरी की जानी चाहिए. इसलिए मैं पूरी कामना के साथ अनुरोध करता हूं की समाजहित में आप हमारे आदिवासी ‘हो’ समाज की ‘हो’ भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने के लिए उचित एवं आवश्यक कार्रवाई करना चाहेंगे, इसके लिए हमारे आदिवासी हो समाज के लोग आपके सदैव आभारी बने रहेंगे.’