रांची : सत्र 2021-22 के चुनाव में धीरज टीम ने जीत दर्ज की है। इसके 18 सदस्य जीते हैं। सर्वाधिक वोट किशोर मंत्री को आया। वहीं दूसरे नंबर पर राहुल मारू और तीसरे नंबर पर धीरज तनेजा रहे। वहीं 3 निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। तीन चरण के मतदान के बाद तीसरे दिन रात 8.30 बजे चुनाव के परिणाम की घोषणा चुनाव अधिकारियो ने की। घोषणा के साथ ही टीम धीरज में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।
टीम के सर्मथक ताशा की धुन पर थिरकने लगे। मालूम हो कि इस वर्ष चैंबर भवन में ही चुनाव संपन्न हुआ। तीन दिनों में करीब 50 प्रतिशत वोट पड़े। कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया गया। चैंबर के कुल 3480 सदस्यों में से 1708 सदस्यों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। चुनाव में खास बात यह रही कि एक टीम के सामने 12 निर्दलीय डटे थे। दूसरी टीम नहीं बनी।
किस वर्ष कौन बने अध्यक्ष
1. 2015-16 में पवन शर्मा की टीम ने क्लिन स्विप किया था। पवन को 1476 व मनीष सर्राफ को 816 वोट मिले थे 2. वर्ष 2016-17 में विनय अग्रलवाल की टीम ने आरडी सिंह की टीम को हराया था। विनय को 1482 वोट मिले थे । 3. वर्ष 2017-18 में रंजीत गाड़ोदिया की टीम ने जीती थी। गाड़ोदिया को 1722 वोट मिले थे। मुकुल तनेजा को 1488। 4. वर्ष 2019-20 के चुनाव में कुणाल आजमानी की टीम किशोर मंत्री की टीम से जीती थी। कुणाल को 1593 व किशोर को 1457 वोट मिले थे। 5. वर्ष 2020-21 में कोरोना के कारण चुनाव नहीं हुआ। सर्वसम्मति से प्रवीण जैन छाबड़ा अध्यक्ष चुने गए।
धीरज तनेजा कई वर्षों से चैंबर में सक्रिय
- धीरज तनेजा कार्यकारिणी में तीन वर्ष रह चुके हैं। अभी वो उपाध्यक्ष हैं। इससे पहले वे कुणाल आजमानी की टीम में भी महासचिव बने थे।
- जीते निर्दलीय प्रत्याशी भी 21 टीम में शामिल होकर चैंबर की पाॅलिसी मेकिंग में भूमिका निभा सकते हैं। उन्हें जिम्मेवारी भी दी जा सकती है।
- चैंबर का नियमित चुनाव 1990 से हो रहा है। 1960 में चैंबर की स्थापना राय बहादुर जैन और आत्मा राम बुधिया की अगुवाई में हुई थी।
- जानकारों ने बताया कि एक टीम 4-5 सालों एक्टिव रहती है। टीम सदस्यों में जब तक समन्वय बना रहता है, तबतक टीम चलती रहती है।