पश्चिम सिंहभूम : चाईबासा में स्थित कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन ने नया कारनामा किया है। विश्वविद्यालय ने बगैर स्वीकृत पद के मैथिली के एसोसिएट प्रोफेसर का प्रतिनियोजन NAAC से A ग्रेड प्राप्त महाविद्यालय में कर दिया है। प्रतिनियोजन के आधार पर विवि के जमशेदपुर ब्रांच इंचार्ज डॉ. आरके चौधरी को घाटशिला कॉलेज का प्रोफेसर इंचार्ज बना दिया गया है। शनिवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई। डॉ. आरके चौधरी को नई जिम्मेदारी दिए जाने के साथ ही छात्र संगठनों ने विश्चविद्यालय प्रशासन और आरके चौधरी का विरोध शुरू कर दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन पर लाभ लेकर पद दिए जाने का आरोप लगाया जा रहा है। छात्र संगठनों का आरोप है कि मैथिली के शिक्षक डॉ. आरके चौधरी पहले से विवादों में रहे हैं। ऐसे में उन्हें इतनी अहम जिम्मेदारी कैसे दी गई। वह भी ऐसे कॉलेज में जहां उनके विषय में पद तक नहीं है। डॉ. आरके चौधरी पर एक महिला प्रोफेसर ने अपनी फोटो खींचने का आरोप लगाया था। इसके अलावा डॉ. चौधरी की नियुक्ति को लेकर भी विवि में बड़ा विवाद हुआ था। पहले मामले की जांच में जहां प्रमाण नहीं मिलने के कारण आरोप सिद्ध नहीं हुए वहीं दूसरे मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच नहीं कराई।
दरअसल जमशेदपुर के करनडीह स्थित एलबीएसएम कॉलेज में पदस्थापना के दौरान डॉ. चौधरी पर वर्ष 2018 में महिला प्रोफेसर की ओर से लिखित रूप से गंभीर आरोप लगाए गए थे। विवि ने इस मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें मुख्यालय अटैच किया था। इसके बाद वह दोबारा चाईबासा से जमशेदपुर आ गए। उन्हें पहले एबीएम कॉलेज में पदस्थापित किया गया। इसके बाद विवि के ब्रांच ऑफिस का इंचार्ज बनाया गया। अब प्रभारी प्राचार्य ( प्रोफेसर इंचार्ज) के रूप में नई जिम्मेदारी दी गई है। छात्र संगठन लगातार विवि प्रशासन पर लाभ लेकर नीति तय करने के गंभीर आरोप लगा रहे हैं। इसमें शिक्षकों के तबादले के नाम पर धनउगाही से लेकर पद और कार्य विभाजन में लाभ लेकर दायित्व देने जैसी शिकायतें शामिल हैं। छात्र आजसू ने विश्वविद्यालय के निर्णय के खिलाफ राजभवन से शिकायत करने की घोषणा कर दी है। संगठन के नेता हेमंत पाठक ने बयान जारी कर आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन के उच्च पदों पर बैठे लोग भ्रष्ट हैं। कुलपति पर पहले से पैसे लेकर फर्जी डिग्री बांटने के आरोप में उत्तर प्रदेश में जांच चल रही है।
झारखंड में आने के बाद कुलपति ने रिश्वत लेकर पद बांटना शुरू कर दिया है। डॉ. चौधरी को प्रोफेसर इंचार्ज बनाने में बड़े पैमाने पर लेनदेन हुई है। यह साफ-साफ पता चल रहा है। यह विश्वविद्यालय की गरिमा गिराने वाला कदम है। इसके खिलाफ झारखंड के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत की जाएगी। छात्र संगठन आंदोलन करेंगे।
दरअसल, घाटशिला कॉलेज में मैथिली विषय का पद तक नहीं है। इसके बावजूद मैथिली के शिक्षक को प्रतिनियोजित कर प्रभारी प्राचार्य बनाया गया है। कोल्हान विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी एक व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को पूरी तरह दरकिनार किया गया है।