रांची : चाईबासा में पदस्थापित फिर एक जवान की ब्रेन मलेरिया से मंगलवार की मौत हो गई। 20 दिनों के भीतर उस इलाके में पदस्थापित झारखंड जगुआर के दूसरे जवान ने भी ब्रेन मलेरिया के कारण दम तोड़ा है। हवलदार गोपाल कुमार तामंग जैप वन के जवान थे और वर्तमान में झारखंड जगुआर में पदस्थापित थे। उनका इलाज हेल्थकेयर प्वाइंट अस्पताल रांची में चल रहा था। ये झारखंड जगुआर के असाल्ट ग्रुप 21 में पदस्थापित थे।
मंगलवार को इलाज के दौरान इनकी मौत हो गई। हवलदार गोपाल के पिता का नाम लाल तामंग, बड़ा भाई गोपी कुमार तामंग, पत्नी जानकी तामंग,मां विष्णुमाया देवी.जन्मतिथि 12 सितंबर 1976 है। उनकी नियुक्ति तिथि 15 जुलाई 1996 में हुई थी। सादा तिमरा पिकेट, मनोहरपुर, चाईबासा में तैनात थे। जैप वन आवासीय परिसर में इनके परिवार के सदस्य रहते हैं।
ज्ञात हो कि नक्सलियों के खिलाफ अभियान में वर्ष 2008 से जंगलों में झारखंड जगुआर (जेजे या एसटीएफ) के असाल्ट ग्रुप में तैनात 64 जवानों की जान सांप, बीमारी व जंगली जानवरों ने ले ली है। 16 सितंबर को झारखंड जगुआर का एक जवान उपेंद्र कुमार ब्रेन मलेरिया की भेंट चढ़ गया। वह पश्चिमी सिंहभूम में तैनात था। बीमार होने के बाद जांच में ब्रेन मलेरिया की पुष्टि के बाद अग्रवाल नर्सिंग होम में भर्ती हुआ था। इसके बाद उसे मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
यहां 16 सितंबर की सुबह उसकी मौत हो गई। झारखंड जगुआर का जवान उपेंद्र कुमार मूल रूप से पलामू के लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के गुरुआ पोस्ट स्थित ओरिया का रहने वाला था। 18 जुलाई 1997 को जन्मे उपेंद्र ने छह जून 2017 को झारखंड जगुआर में सिपाही के पद पर नौकरी शुरू की थी। बीमारी से मौत के बाद उसके शव को रातू के टेंडरग्राम स्थित झारखंड जगुआर कैंप में ले जाया गया।