JoahrLive Team
- पत्थलगढ़ी समर्थकों ने पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर दिया घटना को अंजाम
- पुलिस ने घटना की पुष्टि नहीं की, कहा- सामूहिक हत्या की सूचना मिली है
चाईबासा । कांग्रेस-राजद और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) गठबंधन सरकार के शपथ लेने के 22 दिन बाद ही 7 पत्थलगढ़ी विरोधियों की सामूहिक हत्या कर दी गई। अपहरण कर जंगल में ले जाकर मार डाले गये लोगों में पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिले के गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा के उपमुखिया जेम्स बूढ़ भी हैं। गौरतलब है कि नई सरकार ने शपथ के बाद उसी दिन पहली कैबिनेट बैठक में पत्थलगढ़ी मामले में देशद्रोह सहित सभी मुकदमे वापस लेने का फैसला किया था।
यह वीभत्स नरसंहार रविवार रात को ही हुआ है लेकिन इसका खुलासा मंगलवार की दोपहर बाद हुआ। इसके अलावा गांव के दो अन्य ग्रामीण भी गायब बताए गए हैं। उनकी भी हत्या की आशंका जताई जा रही है। हालांकि पुलिस इस घटना की पुष्टि करने को तैयार नहीं है।
इस बाबत पूछे जाने पर डीजीपी केएन चौबे और एडीजी (अभियान) सह पुलिस प्रवक्ता मुरारी लाल मीणा अधिकारीद्वय ने कहा कि सात लोगों की सामूहिक हत्या की सूचना मिली है। पुलिस टीम घटनास्थल पर गई है। अब तक शव बरामद नहीं हुए हैं। जब तक शव नहीं मिल जाते तब तक कुछ भी बता पाना मुश्किल है। घटनास्थल पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिले के चक्रधरपुर अनुमंडल के गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव सोनुआ से 35 किलोमीटर दूर सुदूर जंगल और अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में है। इस कारण पुलिस वहां पहुंचने में सुरक्षा के दृष्टिकोण से काफी सावधानी बरत रही है।
जानकारी के अऩुसार रविवार को गांव में पत्थलगढ़ी समर्थकों ने ग्रामीणों के साथ बैठक की थी। इस दौरान पत्थलगढ़ी का विरोध करने पर पत्थलगढ़ी समर्थकों ने उप मुखिया जेम्स बूढ़ और छह लोगों को पीटना शुरू कर दिया। इससे वहां भय का माहौल हो गया और मीटिंग में आये लोग भागने लगे। इसके बाद पत्थलगढ़ी समर्थक उप मुखिया जेम्स बूढ़ और अन्य छह लोगों को उठाकर जंगल में ले गए। रविवार को उनके घर नहीं लौटने पर सोमवार को उप मुखिया जेम्स बूढ़ और अन्य छह लोगों के परिजन गुदड़ी थाना पहुंचे। उन्होंने मामले की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस मामले की छानबीन में लगी ही थी कि मंगलवार दोपहर को पुलिस को उप मुखिया जेम्स बूढ़ और अन्य छह लोगों की हत्या कर उनका शव जंगल में फेंके जाने की सूचना मिली। चक्रधरपुर के डीएसपी नाथू सिंह मीना पुलिस बल के साथ घटनास्थल की ओर रवाना हो गए हैं। अति नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण पुलिस फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है। इलाके में इस बात की हमेशा आशंका बनी रहती है कि कहीं नक्सली लैंड माइंस विस्फोट न कर दें।