धनबाद : सिख समुदाय ने धनबाद जिला कांग्रेस के प्रवक्ता सतपाल सिंह ब्रोका के नेतृत्व में किसानों के समर्थन में देशव्यापी ग्रामीण भारत बंद का समर्थन करते हुए शुक्रवार को सदर थाना में गिरफ्तारी दी. इस दौरान सभी ने रणधीर वर्मा चौक पहुंचकर नारे लगाये. इस अवसर पर धनबाद जिला कांग्रेस के प्रवक्ता सतपाल सिंह ब्रोका ने कहा कि आज किसानों के साथ दुश्मनों जैसे बर्ताव किया जा रहा है, हरियाणा-पंजाब सीमा को दो देश जैसा बना दिया गया है.
उन्होंने कहा कि राज्य की सीमाओं को सील करके दिल्ली से लेकर हरियाणा तक नाकेबंदी कर दी गई है और पंजाब के किसानों को राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करने से रोकने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा शंभू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस के अलावा हजारों की संख्या में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है. 17 तरह की बैरिगेटिंग कर रास्ते को अवरुद्ध कर दिया गया है. कंक्रीट ब्लॉक, रेत की बोरियां, रेत से भरे कंटेनर, कंटीले तार, लोहे के बैरियर, कंक्रीट वॉल, सड़क पर लोहे की किलों की परतें बिछाई गई हैं.
उन्होंने कहा कि अगर देश की जनविरोधी मोदी सरकार बॉर्डर क्षेत्र में इस तरह की सड़क अवरुद्ध करती तो शायद देश में आज कोई आतंकवादी बॉर्डर पार नहीं कर पाता हमारे सुरक्षा कर्मियों को शहादत नहीं देनी पड़ती. 2 वर्ष पूर्व किसानों के 378 दिनों तक आंदोलन 750 से अधिक किसानों ने बलिदान दिया, तदुपरांत सरकार द्वारा की गई प्रतिबद्धताएं मांगों को जायज मानते हुए तीन कृषि काले कानून को वापस लेकर आश्वस्त किया था कि जल्दी ही आपकी मांगों को कमेटी बनाकर पूरा किया जाएगा. जिसके तहत अब तक उनकी घोषणाओं का क्रियान्वयन नहीं हुआ.
जिसके कारण पुन: किसान शांति प्रिय तरीके से दिल्ली पहुंचकर सरकार के घोषणाओं, प्रतिबद्धताओं को ध्यान आकृष्ट कराना चाहते हैं, लेकिन उनके ऊपर ड्रोन के माध्यम से हजारों आंसू गैस के जहरीले गोले छोड़े जा रहे हैं. वाटर कैनन से पानी की बौछारें, हाईली एक्सप्लोसिव गैस, एसएलआर रॉकेट लांचर से फायरिंग आदि कर प्रताड़ित किया जा रहा है, उन्हें उकसाया जा रहा है लेकिन वह लेकिन वे शांतिप्रिय तरीके से पूर्व में मोदी सरकार द्वारा घोषित मांगों को क्रियान्वित करने के लिए आंदोलन का रुख अख्तियार कर रहे हैं.
जिसमें किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाना, केंद्र सरकार से बीज कीटनाशक और उर्वरक अधिनियम में संशोधन करने, कपास सहित सभी फसलों के बीजों की गुणवत्ता पर सुधार करने, किसानो का कर्ज माफ करना, आंदोलन में दर्ज मुकदमे वापस लेना, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लागू करना, किसानों को पेंशन, लखीमपुर खीरी हिंसा में किसानों को कुचलकर मार दिया गया था, पीड़ितों परिवारों को को केंद्र सरकार न्याय दें, आंदोलन में शहीद हुए किसानों को नियोजन देना आदि हैं. आज प्रदर्शन में सतपाल सिंह ब्रोका, इकबाल सिंह चावला, लाल सिंह राजपाल, परमजीत सिंह, सर्बजीत सिंह, राजू सिंह, हरविंदर सिंह, सतेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, सेहबाज सिंह, गुरप्रीत सिंह, गोलू सिंह, अमृत सिंह, एवं सरबजीत सिंह शामिल थे.