JoharLive Team
नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने झारखंड में पश्चिम सिंहभूम जिले के पत्थलगढ़ी में 19 जनवरी को नक्सलियों द्वारा किये गये जनसंहार के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार बताते हुए आज मांग की कि केन्द्र सरकार इस घटना की केन्द्रीय एजेंसी से जांच कराये और दोषियों को दंड दिलाये।
भाजपा के छह सदस्यीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने 24 जनवरी को घटना की जांच के बाद आज अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को सौंप दी जिसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा अपराधियों के खिलाफ देशद्रोह के मुकदमे वापस लेने के घोषणा के बाद हत्या करने वालों का मनोबल बढ़ा था।
रिपोर्ट सौंपने के बाद इस जांच दल के सदस्य सांसद समीर उरांव एवं जॉन बार्ला ने संवाददाताओं से कहा कि नक्सली अपराधी पत्थलगढ़ी इलाके में लोगों को भारतीय संविधान की व्यवस्था को नहीं मानने के लिए उकसाते रहे हैं। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने ऐसे लोगों को चिह्नित करके उनके विरुद्ध देशद्रोह का मुकदमा कायम किया था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की कि उनके खिलाफ देशद्रोह के मुकदमे वापस लिये जाएंगे। इसी के बाद अपराधियों का मनोबल बढ़ा और उन्होंने उनकी बातों में नहीं आने वाले जागरूक लोगों की सामूहिक रूप से गला रेत कर नृशंस हत्या कर दी।
श्री उरांव ने कहा कि राज्य सरकार का उदासीन रवैया हैरान करने वाला है। मुख्यमंत्री और स्वयं कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने मरने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना का एक शब्द नहीं कहा और न ही कोई मुआवजा घोषित किया। मुख्यमंत्री ने इसके उलट यह कहा कि ‘मरने वाला भी मेरा और मारने वाला भी मेरा।’ उन्होंने कहा कि प्रशासन को घटना का पता दो दिन बाद लगा। जब भाजपा सांसदाें का दल पहुंचा तो प्रशासन ने धारा 144 लगा दी और सांसदों को घेराबंदी में ले लिया जैसे वे ही अपराधी हों। जबकि 27 जनवरी को कांग्रेस के नेताओं को आसानी से आने दिया।
उन्होंने कहा कि इससे साफ हो गया है कि राज्य सरकार की आदिवासियों के प्रति कोई संवेदना नहीं है और वह मामले की लीपापोती करने में लगी है। उन्होंने कहा कि सांसदों ने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्री अमित शाह को भी सौंपी है तथा उनसे मांग की है कि इस घटना की जांच केन्द्रीय एजेंसी से करायी जाए तथा दोषियों को दंडित किया जाए।