नई दिल्ली: बुधवार को केंद्र सरकार ने मुस्लिम लीग, जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट) पर आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने के वजह से प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार ने MLJK-MA पर यह कारवाई यूएपीए के तहत की है. एमएलजेके-एमए (MLJK-MA) पर जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने और आतंकी संगठनों का समर्थन करने का आरोप है. MLJK-MA को एक गैरकानूनी संगठन घोषित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए कहा कि ‘मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)’/एमएलजेके-एमए को यूएपीए के तहत एक ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया गया है. यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं.

उन्होंने आगे लिखा कि ‘पीएम @नरेंद्र मोदी सरकार का संदेश जोरदार और स्पष्ट है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानून के पूर्ण प्रकोप का सामना करना पड़ेगा.’

2010 मे किया गया था मसरत आलम भट्ट को गिरफ्तार 

बता दें कि मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर का प्रमुख मसरत आलम भट्ट 2010 में घाटी में हुए विरोध प्रदर्शनों का मुख्य आयोजक था. प्रोटेस्ट के बाद मसरत आलम को गिरफ्तार किया गया था. उसके साथ कई अन्य नेताओं को भी गिरफ्तार किया गया था. बाद में वर्ष 2015 में उसके रिहा कर दिए जाने के कारण ही महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी और भाजपा का गठबंधन टूटा था. मसरत आलम भट्ट 2019 से दिल्ली की तिहाड़ जेल कैद है

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