नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल नेता एवं पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की उस शिकायत पर गौर करने का केंद्र सरकार को निर्देश दिया जिसमें उसने कहा है कि उसे राजधानी की तिहाड़ जेल में एकांतवास में रखा गया है और उसे घूमने फिरने की भी आजादी नहीं है।
हत्या के मामले में राजधानी के तिहाड़ जेल में बंद पूर्व सांसद ने शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल करके न्यायालय से यह भी पूछा है कि क्या उसे हमेशा एकांतवास में रखा जायेगा। उसकी शिकायत पर न्यायालय ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कहा कि वह पूर्व सांसद की याचिका पर गौर करें।
न्यायालय ने हालांकि यह भी साफ किया कि शहाबुद्दीन से किसी को खतरा है या शहाबुद्दीन पर खुद खतरा है, यह तय करना अदालत का काम नहीं है।
उसने एक ऐसी ही याचिका पिछले साल दिल्ली उच्च न्यायालय में डाली थी। उसने कहा था कि वह तिहाड़ जेल में अपने साथ किए जा रहे व्यवहार से खुश नहीं है। शहाबुद्दीन की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार और केंद्रीय जांच ब्यूरो को नोटिस जारी किये थे।
शहाबुद्दीन ने अपनी याचिका में कहा था कि उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा है। उसे अकेले काल-कोठरी में बंद कर दिया गया है, जहां वह किसी से बात नहीं कर सकता। इसके अलावा शहाबुद्दीन ने अपनी सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए थे।