रांचीः पूर्व मंत्री सह झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि विशेष रूप से पिछले 10 साल में रांची में अवस्थित भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रम भारी अभियंत्रण निगम (एचईसी) की स्थिति बद से बदतर हो गयी है। आज देश में औद्योगिक ताना-बाना खड़ी कर करनेवाले इस महान संस्थान के अधिकारियों और कर्मचारियों की आंखों में आंसू, दर्द और केवल और केवल प्रताड़ना है। श्री तिर्की ने कहा कि अपनी स्थापना के बाद लगभग छह दशकों में एचईसी ने देश में अनेक स्टील प्लांट, कोयला कम्पनियों के साथ ही राष्ट्र के अनेक आधारभूत संरचनाओं के विकास और निर्माण में अपना अद्भुत योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि एचईसी की इतनी शानदार पृष्ठभूमि के बाद भी इसकी बदहाल स्थिति प्रबंधक से कहीं ज़्यादा केन्द्र सरकार के ऊपर सवाल खड़े करती है।

एचईसी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पिछले 19 महीने से वेतन नहीं मिला है

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने झारखंड से भाजपा व आजसू के निर्वाचित 12 लोकसभा सदस्यों के साथ ही भाजपा से संबंध रखनेवाले सभी राज्यसभा सदस्यों से भी यह सवाल किया कि उनकी नजर में एचईसी के वर्तमान स्थिति और यह मामला महत्वपूर्ण है भी या नहीं? इस सन्दर्भ में उन्हें सार्वजनिक रूप से बताना चाहिये। श्री तिर्की ने कहा कि एचईसी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पिछले 19 महीने से वेतन नहीं मिला है और उन्हें अपने घर परिवार को चलाने के लिये भी कठिन संघर्ष करना पड़ रहा है। उनके सामने अनाज, सब्जी और दूध खरीदने के साथ ही बच्चों की पढ़ाई तक के पैसे का संकट है। लेकिन, केन्द्र सरकार का भारी उद्योग मंत्रालय हाथ पर हाथ धरकर बैठा हुआ है।

पिछले मार्च 2023 से ही यहां उत्पादन ठप पड़ा है

श्री तिर्की ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार की नीतियां कुल मिलाकर, एचईसी और इस जैसे देश को गौरवान्वित करनेवाले प्रतिष्ठानों को बंद करने और कुछेक औद्योगिक घरानों को प्रोत्साहित करनेवाली है और यही कारण है कि आज की तिथि में एचईसी अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक के साथ ही अनेक निदेशक भी प्रभार में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एचईसी को चलाने के नाम पर केन्द्र सरकार केवल खानापूर्ति कर रही है। श्री तिर्की ने कहा कि पिछले मार्च 2023 से ही यहां उत्पादन ठप पड़ा है। हालांकि, आज भी एचईसी के पास भरपूर कार्यादेश (वर्क आर्डर) है लेकिन कार्यशील पूंजी के अभाव के कारण काम बंद है।

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