जमशेदपुर: हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बालिगुमा करम आखड़ा कमिटी, बालिगुमा की तरफ से वार्षिक करम परब का आयोजन बालिगुमा सुखना बस्ती में किया गया। 9 दिनों तक 18 युवतियों ने उपवास कर जावा पाताया (बीजों को अंकुरित करने की प्रक्रिया) किया था। सबसे पहले करम डाली को करम आखड़ा में गाड़ा गया। शाम को पारम्परिक तरीके से पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद पारम्परिक करम गीतों पर नृत्य किया। नृत्य में बालिगुमा समेत 10 नृत्य टीमों ने भाग लिया। जिन 18 लड़कियों ने जावा पाताया था उनमें वर्षा, मोनिका, रुम्पा, जया, रिया, प्रिया, स्वीटी, परी, तानी, पीहू, सेफ़ाली, इरा, वृष्टि, खुशी, माला, उमा, प्रीति, अनिशा मुख्य रूप शामिल हैं।

संस्कृति की झलक

आयोजन कमिटी ने बताया कि झारखंडी कैलेंडर के अनुसार करम परब आज ही था। वर्षों से भाद्र महीने में ही करम मनाया जाता है, लेकिन बांग्ला और हिंदी कैलेंडर के अनुसार इस बार करम आश्विन महीने में होगा, जो झारखंडी संस्कृति के इतर है। इसलिए हमलोगों ने अपनी संस्कृति के अनुसार आज करम मनाया।

क्या है करम परब

करम मुख्य रूप से बीजों के संरक्षण की जांच का पर्व है। यदि 9 दिन से पर्व प्रारम्भ किया जाता है तो 9 तरह के बीजों को अंकुरित किया जाता है। 5 दिनों से प्रारम्भ करने से 5 तरह के बीज और 3 दिनों से प्रारम्भ करने से 3 तरह के बीजों को अंकुरित किया जाता है। आयोजन कमिटी में जीत, वरुण, राकेश, रौनक, संध्या रानी महतो, दिलीप कुमार महतो, काकोली महतो, मदन महतो, सिवानी महतो, नेपाल महतो, पूर्णिमा महतो, दीपक रंजीत आदि लोग मुख्य रूप से शामिल थे।

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