रांची। उर्दू पत्रकारिता के 200 वर्ष पूरे होने पर द रांची प्रेस क्लब के सभागार में द रांची प्रेस क्लब के द्वारा जश्ने उर्दू पत्रकारिता पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि पर्यटन कला संस्कृति खेलकूद एंव युवा कार्य विभाग मंत्री हफीजुल हसन, विशिष्ट अतिथि पद्मश्री बलबीर दत्त, रांची जिला के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम मौजूद थे । कार्यक्रम की अध्यक्षता द रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजय मिश्र कर रहे थे , मंच संचालन सबा इकबाल ने किया, और कार्यक्रम का समापन संबोधन प्रेस क्लब के कार्यकारिणी सदस्य परवेज कुरैशी ने की।

स्वागत भाषण में प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजय मिश्र ने कहा कि उर्दू अखबार का पौधा कैसे पले, बढ़े और बड़ा हो इस पर हम सभी को सोचने की जरूरत है । जंग ए आजादी से लेकर अब तक उर्दू अखबार को , उर्दू के पत्रकारों को ,उर्दू से जुड़े हुए सभी को जद्दोजहद करते देख रहे हैं। मैं समझता हूं कि जिस तरह से आज का कार्यक्रम आयोजन हुआ और जिस तरह से उर्दू पत्रकार और उर्दू से जुड़े हुए हर वर्ग और समुदाय के लोग , उर्दू से पत्रकारिता से तालुकात रखते हैं , वे इस मौके पर आए हैं , सभी आभार पात्र हैं ।

मंत्री हफीजुल हसन 200 वर्ष पूरा होने पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उर्दू एकेडमी का हम गठन करेंगे और अपने ही सरकार में यह होगा, यह मैं घोषणा करता हूं । साथ ही उन्होंने कहा कि उर्दू पढ़ने की ,लिखने की, आदत हम सभी को डालनी होगी । तभी उर्दू महफूज रह सकेगी, उर्दू किसी की जागीर नहीं है । उन्होंने कहा कि उर्दू हिंदुस्तान की जुबान है , हर हिंदुस्तानी का उर्दू पर हक है ।

विशिष्ट अतिथि पद्मश्री बलबीर दत्त ने उर्दू के इतिहास और हिन्दुस्तान के बंटवारे पर रनी डाला। उन्होंने कहा कि उर्दू जिस तरह से आगे बढ़ा और जंग ए आजादी में जिस तरह से योगदान रहा है उसको कभी नहीं भुलाया जा सकता है। हम यह कहेंगे कि झारखंड में या अविभाजित बिहार के समय में बहुत कम अखबार हुआ करता था , लेकिन आज दर्जनों से अधिक उर्दू का अखबार निकल रहे है। यही सफलता है ।

ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने कहा कि उर्दू भाषा जो है इसमें सभ्यता,संस्कृति और मिठास है। यह भाषा सभी को जोड़ने का काम करता है और हिंदुस्तान में उर्दू सबसे अधिक बोली जाती है। जिस तरह से आयोजन हुआ है काबिल ए तारीफ है।

प्रो. विनोद कुमार ने उर्दू पत्रकारिता पर अमीर खुसरो को महत्व देते हुए कहा कि मैं समझता हूं कि अमीर खुसरो ने ही उर्दू को बढ़ावा दिया। हिंदुस्तान में जिस तरह से उन्होंने अपने कविताओं में दोहो में उर्दू को शामिल किया गया है, वह काबिले तारीफ है । उर्दू मुसलमान की जुबान नहीं है , यह हम सब भारतीयों का जुवान है ।

एच रिजवी,मुजफ्फर हुसैन, एस एम जमशेदपुरी,जफीरुल्लाह सादिक, इम्तियाजुद्दीन, साकीर,मामून रशीद,नवेंदू उमेश,अरशद मधुपुरी, मामून रशीद, तनजीला नाज,नौशाद आलम सहित उर्दू अखबारों को भी मोमेंटो और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर द रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजय मिश्र , कोषाध्यक्ष सुशील सिंह मंटू , उपाध्यक्ष पिंटू दुबे, सचिव जावेद अख्तर , संयुक्त सचिव अभिषेक सिन्हा , मैनेजिंग कमिटी सदस्य मानिक बॉस, रूपम ,संजय रंजन ,किसलय सानू , धर्मेंद्र गिरी, परवेज कुरैशी, दीपक जयसवाल, राकेश कुमार ,राज वर्मा, सुनील गुप्ता, सहित वरिष्ठ पत्रकार शफीक अंसारी, डा.शाहनवाज कुरेशी , शारीब खान, मुस्तकीम आलम, गुलाम शाहिद, एहसान ,सबा इकबाल, सरफराज, सहरोज कमर , तंजिला , नसीर अफसर , डॉ असलम परवेज, सरफराज अहमद, समीम, मुजफ्फर हुसैन, इमरान ,आदिल रशीद, जसीम ,इमाम नकवी शामिल थे।

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