मगध-आम्रपाली परियोजना के जीएम रहे अजीत कुमार ठाकुर को एनआईए ने बताया फरार
रांची। मगध- आम्रपाली कोल परियोजना से टेरर फंडिंग के मामले में सीसीएल के तत्कालीन जीएम अजीत कुमार ठाकुर समेत आठ टीपीसी उग्रवादियों को एनआईए ने वांटेड घोषित किया है। अजीत कुमार ठाकुर परियोजना शुरू होने के दौरान आम्रपाली के जीएम थे। वह रांची के आर्या होटल के पीछे स्थित मोदी कंपाउंड के गुलमोहर अपार्टमेंट के 506 नंबर फ्लैट में रहते हैं। हालांकि अभी वह फरार हैं। उन्होंने अपने इस फ्लैट को किराए पर दे रखा है।
ये भी हैं एनआईए के वांटेडटीपीसी समेत विस्थापितों की कमेटी बनाकर उगाही के मामले में एनआईए ने सीसीएल के ही कर्मचारी व टीपीसी के उग्रवादी संगठन के घोषित कमांडर भीखन गंझू, मुकेश गंझू, विस्थापित नेता व ट्रांसपोर्टर प्रेम विकास सिंह, बीरबल गंझू, टीपीसी सुप्रीमो गोपाल सिंह भोक्ता उर्फ ब्रजेश गंझू, आक्रमण और अनिश्चय गंझू को वांटेड घोषित किया है।
क्या है मामलाकेंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआईए कोल परियोजनाओं से वसूली के मामले की जांच कर रही है। चतरा में सीसीएल अफसरों, टीपीसी, स्थानीय कमेटियों व ट्रांसपोर्टरों की मिलीभगत से लेवी वसूली के मामलों में साल 2018 में एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले में एनआईए ने सीसीएल के चालक व मास्टरमाइंड सुभान मियां समेत 14 लोगों को पूर्व में गिरफ्तार किया है।
रांची। मगध- आम्रपाली कोल परियोजना से टेरर फंडिंग के मामले में सीसीएल के तत्कालीन जीएम अजीत कुमार ठाकुर समेत आठ टीपीसी उग्रवादियों को एनआईए ने वांटेड घोषित किया है। अजीत कुमार ठाकुर परियोजना शुरू होने के दौरान आम्रपाली के जीएम थे। वह रांची के आर्या होटल के पीछे स्थित मोदी कंपाउंड के गुलमोहर अपार्टमेंट के 506 नंबर फ्लैट में रहते हैं। हालांकि अभी वह फरार हैं। उन्होंने अपने इस फ्लैट को किराए पर दे रखा है।
ये भी हैं एनआईए के वांटेडटीपीसी समेत विस्थापितों की कमेटी बनाकर उगाही के मामले में एनआईए ने सीसीएल के ही कर्मचारी व टीपीसी के उग्रवादी संगठन के घोषित कमांडर भीखन गंझू, मुकेश गंझू, विस्थापित नेता व ट्रांसपोर्टर प्रेम विकास सिंह, बीरबल गंझू, टीपीसी सुप्रीमो गोपाल सिंह भोक्ता उर्फ ब्रजेश गंझू, आक्रमण और अनिश्चय गंझू को वांटेड घोषित किया है।
क्या है मामलाकेंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआईए कोल परियोजनाओं से वसूली के मामले की जांच कर रही है। चतरा में सीसीएल अफसरों, टीपीसी, स्थानीय कमेटियों व ट्रांसपोर्टरों की मिलीभगत से लेवी वसूली के मामलों में साल 2018 में एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले में एनआईए ने सीसीएल के चालक व मास्टरमाइंड सुभान मियां समेत 14 लोगों को पूर्व में गिरफ्तार किया है।