सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन की 12वीं की परीक्षा टालने के लिए दायर की गयी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 3 जून को सुनवाई करेगा. केंद्र सरकार ने भी परीक्षा पर फैसले के लिए 2 दिन का वक्त मांगा है. पर, ये परीक्षाएं कराने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. अब सिर्फ प्रधानमंत्री कार्यालय की हरी झंडी मिलने का इंतजार है.

मंत्रालय के सूत्रों अनुसार ये परीक्षाएं 24 जुलाई से 15 अगस्त के बीच कराए जाने की योजना है. सभी राज्यों से विचार-विमर्श के बाद 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए 3 प्रपोजल भी तैयार किए गए हैं, पर यही फाइनल नहीं हैं. अन्य रास्ते भी तलाशे जा सकते हैं.

अब सब कुछ निर्भर है प्रधानमंत्री कार्यालय पर. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में परीक्षाओं पर फैसला लेने के लिए 2 दिन का वक्त मांगा है. लेकिन, शिक्षा विभाग ने विचार-विमर्श के बाद जो ड्राफ्ट तैयार किया है, उसे मंगलवार को ही केंद्र के सामने रखा जाएगा. अब ये प्रधानमंत्री कार्यालय की प्रतिक्रिया पर ही निर्भर करता है कि तारीखों की घोषणा कब होगी.

प्रधानमंत्री कार्यालय इस मामले को लेकर गंभीर है और दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट से भी मोहलत मांगी गई है, जिस पर सुनवाई 3 जून को होनी है. ऐसे में तारीखों और तरीके को लेकर अगर प्रधानमंत्री कार्यालय की मंजूरी मिलती है तो तारीखों का ऐलान सोमवार को भी किया जा सकता है. शिक्षा मंत्रालय ने तैयार किए परीक्षा के 3 प्रपोजल

पहला प्रपोजल

12वीं के मुख्य विषयों यानी मेजर सब्जेक्ट्स का एग्जाम लिया जा सकता है. साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स के केवल 3 मुख्य विषयों की ही परीक्षा लेने के बाद बाकी सब्जेक्ट्स में मुख्य विषयों पर मिले नंबर्स के आधार पर मार्किंग का फॉर्मूला भी बन सकता है.

दूसरा प्रपोजल

30 मिनट की परीक्षाएं होंगी और इनमें ऑब्जेक्टिव सवाल पूछे जाएंगे. इस परीक्षा में विषयों की संख्या भी सीमित कर दी जाएगी, पर इसके बारे में स्पष्ट अभी कुछ नहीं बताया गया है.

तीसरा प्रपोजल

अगर देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति ठीक नहीं होती है तो 9वीं, 10वीं और 11वीं तीनों का इंटरनल असेसमेंट किया जाएगा. इसके बाद इसके आधार पर ही 12वीं का रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा. पर, इस प्रपोजल को लेकर भी फॉर्मूला अभी साफ नहीं किया गया हैसुप्रीम कोर्ट, CBSE और केंद्र के स्तर पर अभी की स्थिति
CBSE बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल होने वाले देश के 521 स्टडेंट्स ने PIL के साथ एक हस्तक्षेप याचिका दायर की है. एडवोकेट तानवी दूबे के जरिए इन छात्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले यूथ बार एसोसिएशन ने दायर हस्तक्षेप याचिका में बोर्ड के ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने के फैसले का विरोध करते हुए परीक्षा रद्द करने की मांग की है.

सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ममता शर्मा ने भी बच्चों की तरफ से एग्जाम कैंसिल कराने के लिए एक याचिका लगाई थी, जिसकी 28 और 31 मई को सुनवाई हो चुकी है.

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