इंफाल। मणिपुर के वायरल वीडियो मामले का ट्रायल राज्य से बाहर कराने को लेकर केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करने वाली है। गृह मंत्रालय इस मामले को सीबीआई को भेजेगा। न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, शीर्ष सरकारी सूत्र ने गुरुवार (27 जुलाई) को कहा कि जिस मोबाइल फोन से मणिपुर की महिलाओं का वायरल वीडियो शूट किया गया था, उसे बरामद कर लिया गया है और वीडियो शूट करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, केंद्र ने कुकी और मैतई समुदायों के सदस्यों के साथ कई दौर की बातचीत की, प्रत्येक समुदाय के साथ छह दौर की बातचीत हुई। गृह मंत्रालय मैतई और कुकी दोनों समूहों के संपर्क में है और मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए बातचीत अंतिम चरण में है। कुकी और मैतई के बीच में बफर जोन बनाया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, मणिपुर में 35000 हजार अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है और 18 जुलाई के बाद हिंसा की कोई भी बड़ी घटना नहीं हुई है। मणिपुर पर पीएम मोदी की पैनी नजर है। हर रोज पीएम मोदी गृह मंत्री के जरिये मणिपुर की जानकारी ले रहे हैं। दवा और दैनिक आपूर्ति की कोई कमी नहीं है। खाद्य और आवश्यक आपूर्ति की कीमतें नियंत्रण में हैं. बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी काम पर लौट रहे हैं और स्कूल भी फिर से शुरू हो रहे हैं।
गौरलतब है कि मणिपुर में बीती तीन मई को मैतई समुदाय की आरक्षण की मांग के विरोध में हिंसा भड़क उठी थी. कुकी और मैतई समुदाय के बीच हुई जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। पिछले हफ्ते मणिपुर का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें लोगों की भीड़ कुछ महिलाओं को नग्न परेड करा रही थी।
ये घटना 4 मई को घटित हुई थी. आरोप है कि महिलाओं के साथ रेप भी किया गया था। इस वीडियो के सामने आने के बाद देश में गुस्सा फूट पड़ा था। संसद के मानसून सत्र में इस घटना को लेकर जोरदार हंगामा हो रहा है. वीडियो सामने आने के बाद मणिपुर पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया है।