Joharlive Team

रांची। इंडियन ओवरसीज बैंक से 4 करोड़ 98 लाख 43 हजार 698 रूपये के लोन घोटाले में सीबीआई एसीबी ने एफआईआर दर्ज कर ली है। सीबीआई ने जमशेदपुर के मेसर्स बालाजी ट्रेडर्स और मेसर्स एचएस इंटरनेशनल के संचालक हरजीत सिंह को आरोपी बनाया है। रेडियम रोड ब्रांच के चीफ रीजनल मैनेजर मोती लाल ने सीबीआई एसीबी में 29 जुलाई को शिकायत की थी। जिसके बाद सीबीआई एसपी एसएन खान के आदेश पर मामले के अनुसंधान की जिम्मेदारी डीएसपी कौशल किशोर सिंह को दी गई है।

जमीन के फर्जी कागजात को मार्गेज रखा था बैंक में

सीबीआई को दिए गए शिकायत के अनुसार जमशेदपुर के टेल्को निवासी हरजीत सिंह ने अपनी दोनों कंपनियों से आयरन ऑर, मिनरल और ट्रांसपोर्टिंग कारोबार के लिए 40 लाख का कैश क्रेडिट लोन लिया था। दोनों कंपनियों के लिए 15 जून 2011 और 6 सितंबर 2011 को लोन लिए गए थे। लोन के बदले 13 मार्च 2011 को जमीन के कागजात को मार्गेज रखा गया था। लेकिन लोन एनपीए होने के बाद बैंक ने जांच करायी तो पता चला कि लोन संबंधी जमीन के कागजात फर्जी हैं, ऐसे में जीरो मूल्य की जमीन के बदले लोन की राशि की निकासी हो गई ।

कैसे लगाया करोड़ो का चूना

हरजीत सिंह के द्वारा बैंक से लगातार ओवर ड्राफ्ट सुविधा ली जा रही थी। शुरूआत में हरजीत ने दोनों कंपनियों से ओवर ड्राफ्ट का पेमेंट किया। इस दौरान उसने लोन पर ट्रांसर्पोटिंग के लिए पांच ट्रक खरीदे। लेकिन साल 2016 के आखिरी दिनों में ओवर ड्राफ्ट का पेमेंट बैंक को नहीं किया गया। जांच में यह बात सामने आयी कि हरजीत ने बैंक से मिले फंड को गलत तरीके से अलग अलग खातों में डायवर्ट कर दिया। बालाजी टेडर्स के नाम पर 1.89 करोड़, जबकि एचएस इंटरनेशनल के नाम पर 2.78 करोड़ रूपये का कैश क्रेडिट हरजीत के नाम पर बकाया है। वहीं पांच ट्रकों के लोन से भी बैंक के करोड़ों की राशि फंस गई। जमीन के पेपर फर्जी होने के कारण बैंक इस राशि का वसूलने में भी अब सक्षम नहीं है। ऐसे में सीबीआई ने अब धारा 420, 467, 468, 471 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की है।

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