रांची: सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड के मगध आम्रपाली कोल परियोजना से 83 करोड़ से अधिक कोयला चोरी मामले में सीबीआई (CBI) ने झारखंड सहित कई राज्यों में दबिश दी है. मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई की टीम ने झारखंड, पश्चिम बंगाल और गुजरात में छापेमारी की है. सीबीआई की टीम ने झारखंड के चतरा जिले में कई स्थानों पर छापेमारी की है.

कई अधिकारियों के दफ्तरों पर छापेमारी
सूचना के अनुसार सीबीआई एसीबी रांची की टीम ने सीसीएल कर्मियों, एमपीए- एमआईएल- जीसीएल, जेवी के कोलकाता स्थित दफ्तर में छापेमारी की है. कंपनी के निदेशक गुजरात में रहते हैं, वहां भी सीबीआई टीम ने छापा मारा है. जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार सीबीआई की टीम छापेमारी देर रात तक जारी थी. छापेमारी में सीबीआई को अधिकारियों के यहां से बैंक खातों की डिटेल, कोयला उठाव संबंधित कागजात मिले हैं.

आम्रपाली पीओ दफ्तर में भी छापा
सीबीआई की एक टीम ने गुरूवार को चतरा के आम्रपाली कोल परियोजना के पीओ ऑफिस में भी छापेमारी की है. टीम ने केस के आरोपी प्रोजेक्ट अफसर दिलीप कुमार शर्मा, सर्वेयर उमेश सिंह और अम्बे कंपनी के ऑफिस में छापेमारी कर महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जब्त किया है. इस दौरान सीबीआई ने पीओ पीएन यादव से वर्ष 2019 में हुए कोल उत्पादन और डिस्पैच की पूरी जानकारी ली. आरोपी पीओ डीके शर्मा के डकरा बचरा स्थित आवास में छापेमारी के बाद उन्हें आम्रपाली ऑफिस भी लाया. यहां उनसे कई घंटे तक पूछताछ हुई. सीबीआई की टीम वर्ष 2019 में हुए डिस्पैच और उत्पादन से संबंधित रिपोर्ट भी अपने साथ ले गयी. सूत्रों के अनुसार सीबीआई की टीम ने जमीन अधिग्रहण और नौकरी दिये जाने से संबंधित दस्तावेजों को भी खंगाला है. इस छापेमारी के बाद किसी की गिरफ्तारी हुई या नहीं इसकी सूचना नही मिल पायी है.

सीबीआई की छापेमारी से मचा हड़कंप
83 करोड़ के कोयला घोटाला में सीबीआई की छापेमारी से आम्रपाली में सीसीएल के अधिकारियों के बीच हड़कंप मचा हुआ है. इसके पूर्व सीसीएल की विजलिेंस की एक टीम भी आम्रपाली में साल 19 के कोल उत्पादन और डिस्पैच का आंकड़ा अपने साथ ले गयी.

क्या है पूरा मामला
झारखंड के चतरा स्थित आम्रपाली परियोजना से 83.63 करोड़ का कोयला चोरी हो गया था. चोरी का यह मामला सीबीआई और सीसीएल की जांच टीम के निरीक्षण के दौरान सामने आया था, जिसके बाद सीबीआई कि रांची स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आम्रपाली परियोजना के प्रोजेक्ट अधिकारी समेत सात नामजद और कुछ अज्ञात के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की थी. जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि चतरा के मगध आम्रपाली परियोजना से सीसीएल के अफसरों और ट्रांस्पोटरों ने मिलीभगत कर करोड़ों का कोयला गायब किया गया है. मामले की जांच के बाद सीबीआई ने आम्रपाली प्रोजेक्ट के परियोजना अधिकारी दिलीप कुमार शर्मा, सीनियर मैनेजर उमेश कुमार सिंह, सीनियर अधिकारी पंकज कुमार झा, मुख्य प्रबंधक खनन निहार रंजन साहू, मेसर्स एमपीएल के सभी निदेशक के साथ साथ अज्ञात पर एफआईआर दर्ज की थी.

एफआईआर में क्या है
सीबीआई के मुताबिक सीबीआई को सूचना मिली थी कि मगध अम्रपाली से बड़े पैमाने पर कोयला की चोरी की गई है सूचना के बाद सीबीआई एसीबी और सीसीएल के बिजनेस में कई स्थानों पर छापेमारी की इस दौरान यह सच निकल कर सामने आया कि कोयले का स्टॉक 30 अगस्त 2019 को 18,04,004 टन रहना चाहिए था. लेकिन स्टॉक सिर्फ 9,28,229 टन ही बचा था. जांच में यह सामने आया कि 48.54% स्टॉक गायब था. सीबीआई ने अपने एफआईआर में यह बताया है कि कोयला के संरक्षण की जिम्मेदारी प्रोजेक्ट ऑफिस एजीएम, कोलियरी सर्वेयर, सर्विस अफसर और ट्रांसपोर्टरों की थी ऐसे में सीबीआई ने सभी को आरोपी बनाया है. गुरुवार को इनमें से अधिकांश अफसरों के यहां सीबीआई की टीम ने छापेमारी की है.

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