रांचीः राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से जुड़े बहुचर्चित चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में सीबीआइ की ओर से बहस पूरी हुई. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार (आरसी 47A/96) से अवैध निकासी के सबसे बड़े मामले में सीबीआई की ओर से बहस पूरी हो गई है.
वर्चुअल सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 575 गवाह के बयान के आधार पर बहस पूरी की है. वहीं मामले में बचाव पक्ष की ओर से 9 अगस्त से बहस शुरू की जाएगी, बचाव पक्ष 27 आरोपियों की गवाही के आधार पर बहस पूरी करेगी.
सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि बहुचर्चित चारा घोटाला का यह सबसे बड़ा मामला है, जिसमें सीबीआई की ओर से बहस पूरी हो गई है. इस मामले में अवैध निकासी, फर्जी आवंटन, फर्जी आपूर्ति पत्र-विपत्र से की गई चारा घोटाला के पशुओं का चारा दवा और उपकरणों की आपूर्ति कर अवैध राशि की निकासी की गई थी.
उन्होंने बताया कि पशुओं की ढुलाई के लिए स्कूटर, बाइक, ऑटो, जीप जैसे वाहनों का प्रयोग किया गया था. इसमें पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय पशुपालन अधिकारी विभाग के अधिकारी बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और तत्कालीन पशुपालन मंत्री के साथ सांठगांठ कर सरकार के राजस्व की गड़बड़ी की गई थी.
मामले में बचाव पक्ष में लालू समेत अन्य आरोपियों ने कुल 27 गवाही दर्ज कराई जाएगी. डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू प्रसाद समेत 110 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे हैं. सीबीआई ने प्रारंभ में 170 लोगों को आरोपी बनाया था. लालू समेत 147 आरोपियों के खिलाफ आरोप गठित किया गया था. सुनवाई के दौरान अब तक बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र समेत 37 आरोपियों का निधन हो चुका है.
कब हुआ चारा घोटाला का पर्दाफाश
चारा घोटाला वो मामला है, जिससे बिहार और झारखंड की राजनीति खूब प्रभावित हुई. साल 1995-96 में पहली बार चारा घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. जिसके बाद ये बातें सामने आई कि सरकार ने जानवरों के लिए चारा, दवा और पशुपालन से जुड़े उपकरणों को लेकर बहुत बड़े घोटाले को अंजाम दिया है.
चारा घोटाला के देवघर कोषागार, दुमका कोषागार और चाईबासा कोषागार के दो मामले सहित चारा घोटाला के कुल 4 मामले में सजायाफ्ता आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अब एक और मामले में फैसले की ओर बढ़ रहे हैं. देश के बहुचर्चित चारा घोटाला का यह मामला रांची के डोरंडा कोषागार से जुड़ा है. इस मामले में कोषागार से लगभग 139 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी.